Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Basic teachers will be promoted in UP, Yogi government has asked for a list from all BSAs

यूपी में बेसिक शिक्षकों का होगा प्रमोशन,योगी सरकार ने सभी बीएसए से मांगी सूची

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। आने वाले मार्च के अंत तक बेसिक शिक्षकों की वरिष्ठ सूची तैयार कर उनका प्रमोशन किया जाएगा। योगी सरकार ने सभी बीएसए से लिस्ट मांगी है।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊ, अजीत कुमारTue, 24 Dec 2024 09:03 AM
share Share
Follow Us on

अगले वर्ष मार्च के अंत तक बेसिक शिक्षकों की वरिष्ठ सूची तैयार कर उन्हें नए शिक्षण सत्र में पदोन्नति दे दी जाएगी। पिछले नौ सालों से शिक्षकों की कोई पदोन्नति नहीं होने से एक के बाद एक अलग-अलग न्यायालयों से लगातार मिल रही फटकार के बाद सरकार ने यह निर्णय किया है। इसके तहत योगी सरकार ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अगले वर्ष जनवरी के अंत तक उनके जिलों के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची पूरी तरह से तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में प्राइमरी के करीब 4.59 लाख शिक्षक हैं।

2015 में हुई थी पदोन्नतियां

वरिष्ठता सूची की जांच व उस पर आपत्ति का निस्तारण कर मार्च के अन्त तक अर्ह शिक्षकों के पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। शिक्षकों के पदोन्नति नहीं होने से प्रदेश के करीब 70 फ़ीसदी से अधिक प्राइमरी / अपर प्राइमरी स्कूल प्रभारी के सहारे चल रहे हैं। दरअसल, प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में अन्तिम बार 2015 में पदोन्नतियां हुई थी। पहले जिले स्तर से पदोन्नतियां होती थी। ऐसे में कई जिले ऐसे हैं, जहां अलग-अलग विवादों के कारण 15 साल से पदोन्नति नहीं हुई है। इसके कारण प्रदेश के करीब 70 प्रतिशत स्कूलों में स्थाई प्रधानाध्यापक नहीं है और वे कार्यवाहक प्रधानाध्यापकों के सहारे चल रहे हैं। नौ वर्ष पूर्व जो पदोन्नतियां हुई थीं उनमें से ज्यादातर वरिष्ठता संबंधी विवादों में उलझे हुए हैं।

ये भी पढ़ें:लखनऊ के बाद गाजीपुर में सुबह-सुबह एनकाउंटर, बैंक लॉकर काटने वाला एक और बदमाश ढेर
ये भी पढ़ें:आजम खान से जुड़े केस में आज आ सकता है फैसला, जानें पूरा मामला

विवाद के कारण तीन जिलों में निरस्त हुई थीं पदोन्नतियां

विवाद के कारण ही हाईकोर्ट के निर्देश पर तीन जिलों में हुई पदोन्नतियों को निरस्त कर दिया गया था। ये जिले हैं बुलंदशहर सहारनपुर और सोनभद्र। इन तीनों जिलों में मुख्य विवाद वरिष्ठता तय करने को लेकर था। जिन शिक्षकों की प्रधाना्चार्य पद पर पदोन्नति की गई थी उसमें कार्यभार ग्रहण करने की तारीख के आधार पर वरिष्ठता तय की गई थी जिसके विरोध में कुछ शिक्षक कोर्ट चले गए। उका कहना था कि वरिष्ठता का निलरधारण नियुक्ति की तिथि से होना चाहिए। इनमें कुछ शिक्षक ऐसे भी थे, जिनकी नियुक्ति सीधे अपर प्राइमरी में हुई थी। इन सबने भी कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया। लिहाजा एक ही मामले में तीन पक्ष हो गए। जिस पर कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वरिष्ठता का निर्धारण तय नियमावली के आधार पर कर मामले को निस्तारित किया जाए।

प्रदेश में प्राइमरी के है 4.59 लाख शिक्षक

प्रदेश के परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में कुल 4,59,450 शिक्षक हैं। इनमें 3,38,590 प्राइमरी में है जबकि 1,20, 860 शिक्षक अपर प्राइमरी स्कूलों में है। इसी प्रकार से प्राइमरी स्कूलों की संख्या 1,11 614 हैं जबकि अपर प्राइमरी स्कूल 45,651 है।

सदन में भी कई बार उठ चुका है मामला

शिक्षकों के पदोन्नतियों का मामला कई बार विधान परिषद में भी उठ चुका है। हर बार सरकार की ओर से जल्द ही इस पर निर्णय किए जाने का आश्वासन दिया गया है। अब जाकर इस पर कोई निर्णय करने जा रही है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें