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चौबीस घंटे में फिर 6 सेमी घटा घाघरा का जलस्तर

सगड़ी तहसील के उत्तर में घाघरा नदी का जलस्तर 6 सेमी घट गया है। बाढ़ से संपर्क मार्ग डूब गए हैं और ग्रामीणों में दहशत है। 20 स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। पशुओं के निवाले पर संकट उत्पन्न हो गया...

Newswrap हिन्दुस्तान, आजमगढ़Wed, 14 Aug 2024 06:37 PM
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लाटघाट , हिंदुस्तान संवाद। सगड़ी तहसील के उत्तर में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर चौबीस घंटे में 6 सेमी घट गया है। बुधवार को घाघरा नदी खतरा बिंदु से 64 सेमी ऊपर बह रही है। एक दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी से डूब गए है। बवहीं तटवर्ती क्षेत्रों में कटान शुरू होने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। बाढ़ के चलते शिक्षा के साथ ही पशुओं के निवाले पर भी संकट उत्पन्न हो गया है। 37 वें दिन भी विभिन्न बैराजों से 2,78,692 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से स्थिति विकट हो रही है।

घाघरा नदी का जल स्तर पिछले चौबीस घंटे में 6 सेमी बढ़ गया है। बुधवार को खतरा बिंदु 71.68 मीटर से 64 सेमी ऊपर नदी बह है। बुधवार का जलस्तर 72.32 मीटर रिकार्ड किया गया। हालात को देखते हुए बगहवा के बाद चक्की हाजीपुर, शाहडीह, भदौरा मकरंद समेत 20 परिषदीय स्कूलों में बच्चों के लिए अवकाश घोषित कर दिया गया है। संबंधित स्कूलों में तैनात शिक्षकों को आसपास के स्कूलों में हाजिरी लगाने के साथ बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने और ग्रामीणों को संक्रमण रोगों के नियंत्रण के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। देवारा खास राजा, शाहडीह, बूढ़नपट्टी, भदौरा, मानिकपुर, अभ्भनपट्टी, अजगरा मगरबी आदि दर्जन भर गांवों के रास्ते पानी में डूब गए हैं। जिससे ग्रामीणों के आवागमन के लिए 12 नाव लगा दी गई है। हाजीपुर से गोला पुल के नव निर्मित पहुंच मार्ग को घाघरा काट रही है। जिससे जहां आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गयी, वहीं ग्रामीणों में दहशत बना हुआ है।

आबादी के आस-पास पानी होने के कारण पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। सड़ा गला चारा पशु खाने के लिए मजबुर हंै। झगरहवा गांव के मेधू, राजनाथ, माधवपुर के जय बिहारी, बूढ़नपट्टी के अंगद ने बताया कि बाजरा की फसल डूबने और खेतों में पानी होने से हरे चारे की समस्या बढ़ गई है। जबकि झगरहवा और बगहवा में कटान थम गई है। 37वें दिन भी तीन बैराजों से पानी घाघरा में छोड़ दिये जाने के कारण बाढ़ का संकट बरकरार है। अब तक घाघरा में103,24,110 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। जलस्तर में तीन महीने से उतार-चढ़ाव के कारण फिलहाल प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। एसडीएम और तहसीलदार स्वयं स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

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