अनुसूचित जाति छात्रावासों में मुफ्त मिलेगा खाना, विधान परिषद में बोले योगी के मंत्री
समाज कल्याण विभाग के राजकीय एवं अनुदानित अनुसूचित जाति छात्रावासों में सरकार जल्द ही नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था करने जा रही है। विधान परिषद में मंगलवार को यह आश्वासन समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने दिया।

यूपी में समाज कल्याण विभाग के राजकीय एवं अनुदानित अनुसूचित जाति छात्रावासों में सरकार जल्द ही नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था करने जा रही है। विधान परिषद में मंगलवार को यह आश्वासन समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने भाजपा सदस्य लालजी प्रसाद निर्मल द्वारा प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में दिया। असीम अरुण ने कहा कि उनके विभाग की 223 राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास हैं जबकि 31 अनुदानित छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं। राजकीय छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को नि:शुल्क आवासीय सुविधा के साथ तखत, मेज-कुर्सी, पत्र-पत्रिकाएं व दैनिक समाचार पत्रों के अलावा विद्युत आदि की सुविधाएं फ्री में दी जाती है।
इस पर डा. निर्मल ने पूरक प्रश्न करते हुए कहा कि प्रदेश की चौथाई आबादी दलितों की है। इतने बड़े प्रदेश में मात्र 223 छात्रावास अत्यंत कम है? दक्षिण के राज्यों में एक जिले में 200 से अधिक अनुसूचित जाति छात्रावास हैं। उन्होंने पूछा कि इन छात्रावासों में लाइब्रेरी एवं इंटरनेट की सुविधा कब तक दी जाएगी? डा. निर्मल ने कहा कि दिव्यांग छात्रावासों व अटल विद्यालयों में फ्री भोजन दिया जा सकता है तो अनुसूचित जाति छात्रावासों में क्यों नहीं। जवाब में असीम अरुण ने कहा कि सरकार इस दिशा में शीघ्र कदम उठाने जा रही है।
आठ सालों में नहीं लगा नया टैक्स
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के सामान्य बजट पर चर्चा में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य में पिछले आठ वर्षों में एक भी नया कर नहीं लगाया गया। योगी ने कहा कि 2025-26 के बजट का आकार 8,08,736 करोड़ रुपये से अधिक का है और यह देश के किसी राज्य की तुलना में सबसे बड़ा बजट है।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश पिछले पांच वर्ष से राजस्व अधिशेष स्थिति में है। कर अपवंचन को रोका गया है। ‘रेवेन्यू लीकेज’ को समाप्त किया गया है। डिजिटल प्रणाली अपनाई गई है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले यह राशि विकास और कल्याण में इस्तेमाल नहीं हो पाती थी। आज पाई-पाई प्रदेश हित में उपयोग हो रही है और देश के अंदर सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचा देने में सफलता मिल रही है। बीते आठ वर्ष में एक भी नया कर नहीं लगाया। प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की दरें देश में सबसे कम हैं, बावजूद इसके उत्तर प्रदेश राजस्व अधिशेष राज्य के रूप में समृद्धि के नये सोपान चढ़ता जा रहा है। इस सफलता के पीछे रामराज्य की अवधारणा ही है।”