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संभल में मिला सालों से बंद एक और मंदिर, ताला खुलवाने की प्रशासन की तैयारी

  • मुरादाबाद मंडल के संभल जिले के खग्गुसराय में प्राचीन मंदिर बंद मिलने और कुएं जमींदोज होने के बाद अफसरों ने इस पर काम शुरू किया है। संभल में पुराने अभिलेखों को देखा जा रहा है ताकि सही जानकारी सामने आ सके। मंदिर में 46 साल बाद कपाट खुलने के बाद पूजा पाठ भी किया जाने लगा है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, हिन्‍दुस्‍तान, संभलTue, 17 Dec 2024 01:39 PM
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यूपी के संभल के खग्गू सराय मोहल्‍ले में 46 साल से बंद प्राचीन कार्तिक महादेव मंदिर के पट खुलने से श्रद्धालुओं में गहरी आस्था और उत्साह का माहौल है। वहां पिछले तीन दिन से पूजा-पाठ का दौर जारी है। इस बीच जिले में सालों से बंद एक और मंदिर मिला है। यह मंदिर हयातनगर में सरायतरीन के मोहल्ला कछुवायान में है। इसे प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर बताया जा रहा है। मंदिर पर ताला लगा हुआ है। प्रशासन अब ताला खुलवाने की तैयारी में जुटा है। इस बीच, हिंदू समुदाय का कहना है कि मंदिर की चाबी उनके पास है।

मोहल्‍लेवासियों का कहना है कि यहां पहले सैनी और कुरैशी बिरादरी के लोग रहते थे, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार, वे अपनी मर्जी से अपने मकान बेचकर यहां से चले गए। अब मोहल्ले में मंदिर पर ताले की स्थिति को लेकर चर्चा तेज हो गई है। प्रशासन इस मामले को सुलझाने के प्रयास में है ताकि मंदिर के नियमित पूजन और देखरेख का कार्य सुचारू रूप से हो सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर का धार्मिक महत्व है और इसकी देखभाल की जिम्मेदारी उन्हीं की है। फिलहाल प्रशासन और हिंदू समुदाय के बीच चाबी और ताले को लेकर बातचीत जारी है।

‘खंगाली जा रही संभल हिंसा की फाइल, कुएं भी पुर्नजीवित होंगे’

मुरादाबाद मंडल के संभल जिले में बरसों पुराने दंगे के अभिलेख खंगाले जाने लगे हैं। यहां खग्गुसराय में मंदिर मिलने बंद मिलने और कुएं जमींदोज होने के बाद अफसरों ने इस पर काम शुरू किया। पुराने अभिलेखों को देखा जा रहा है। जिससे सही जानकारी सामने आ सके। मंदिर में 46 साल बाद कपाट खुलने के बाद पूजा पाठ भी किया जाने लगा है।

19 कुओं के बंद होने की आशंका

अब मंदिरों के अलावा बंद कुओं की तलाश हो रही है। करीब 19 कुओं के बंद होने की आशंका जताई जा रही है इसमें कई कुओं को चिन्हित कर लिया गया है। संभल मुद्दे पर मुख्यमंत्री लगातार मंच से लेकर सदन तक बोल रहे हैं। ऐसे में अफसर भी चौकन्ने हैं। संभल प्रशासन पुलिस के अफसर छानबीन में जुटे हैं। मंडल स्तर पर कमिश्नर डीजाईजी को भी जानकारी दी जा रही है। 1978 के दंगे में और क्या क्या परिस्थिति रही इसका आंकलन किया जा रहा है। पुराने सरकारी अभिलेखों की मदद से काफी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें उस दौर में जो भी कुएं थे उनकी जानकारी भी निकाली जा रही है जिससे कुओं को पुर्नजीवित किया जा सके। मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि संभल प्रशासन अभिलेखों को देख रहा है जांच में में बहुत से नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पूरी तरह से छानबीन के बाद ही सही जानकारी सामने आएगी। उस वक्त क्या परिस्थितियां रहीं यह साक्ष्यों के आधार पर ही बताया जा सकता है। जितने भी कुएं अभिलेखों में होंगे उनको पुर्नजीवित किया जाएगा।

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन बोले- मंदिर मिलना साबित करता है कि संभल तीर्थस्थल है

संभल में हाल में हुए घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सोमवार को कहा कि जिला प्रशासन ने एक मंदिर की खोज की है जो 46 वर्षों से बंद था और यह साबित करता है कि संभल एक तीर्थ स्थल है। मंदिर के आसपास, कई कुएं और अन्य मंदिर खोजे जा रहे हैं जो क्षेत्र के प्राचीन नक्शे को साबित करते हैं। उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर का सुप्रीम कोर्ट का आदेश यहां लागू नहीं होता क्योंकि इसमें कहा गया था कि मौजूदा मुकदमों में कोई प्रभावी आदेश पारित नहीं किया जाएगा।

श्रीकल्कि की प्राकट्य भूमि के रूप में प्रसिद्ध है संभल

धार्मिक मान्यता के अनुसार, संभल को भगवान श्रीकल्कि की प्राकट्य भूमि के रूप में विशेष महत्व प्राप्त है। स्थानीय भक्तों का कहना है कि जिस तरह मथुरा और काशी का धार्मिक महत्व है, उसी तरह संभल भी भगवान श्रीकल्कि की प्राकट्य भूमि के रूप में श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। यही कारण है कि आसपास के जिलों के श्रद्धालु भी कार्तिक महादेव मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं। सोमवार को सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। दिनभर मंदिर प्रांगण में श्रद्धालु भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना करते रहे। मंदिर के खुलने से स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर है। सभी ने मंदिर की देखरेख और इसकी धार्मिक महत्ता को बनाए रखने के लिए प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की है।

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