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एएमयू वीसी का उपलब्धियों से भरा है कार्यकाल

Aligarh News - - नई शिक्षा नीति का लागू कर क्रेडिट ट्रांसफर वाल पहला विवि - पहली बार

Newswrap हिन्दुस्तान, अलीगढ़Sun, 18 May 2025 02:38 AM
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एएमयू वीसी का उपलब्धियों से भरा है कार्यकाल

फोटो 00 अलीगढ़ । कार्यालय संवाददाता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कुलपति प्रो. नईमा खातून की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर शनिवार को उनके पक्ष में आया वह कुलपति बनी रहेंगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नौ अप्रैल में फैसला सुरक्षित रखा था। कुलपति को भी न्याय पालिका पर पूरा भरोसा था। वहीं कुलपति के अभी कार्यकाल में कई उपलब्धियां हासिल हुई है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही खास है। इस विश्व विख्यात विश्वविद्यालय के नाम पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है। लगभग 100 वर्षों बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पहली महिला कुलपति की नियुक्ति हुई है।

अलीगढ़ मुस्लिम विवि की महिला कुलपति का नाम नईमा खातून है, जो कि अगले पांच वर्षों तक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पद पर रहने वाली हैं। वीसी बनने के बाद एएमयू वीसी ने कई बड़े अहम फैसले लिए जो छात्र हित में लाभकारी रहा। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत क्रेडिट ट्रांसफर की शुरुआत की। 75 से अधिक मूक कोर्स से शुरू की। जिसका देशभर के एक लाख छात्र लाभ ले चुके हैं। विवि में पहली बार ज्ञान कोर्स का आयोजन किया गया। जो अब सात बार आयोजित हो चुका है। दो भविष्य में होने वाले हैं। पहली बार खाली हुआ हॉस्टल वीसी बनने के बाद प्रो. नईमा खातून ने हॉस्टल को प्राथमिकता पर रखा। पहली बार सभी हॉस्टल छात्रों से ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान खाली कराए गए। जिसके बाद हॉस्टल के मरम्मत पेंटिंग आदि कार्य पूरे हो सके। वहीं पहली बार हॉस्टल अलॉट में पारदर्शिता देखने को मिली। आगामी ग्रीष्म कालीन अवकाश में हॉस्टल को फिर खाली कराया जाएगा। जिसके बाद अन्य मरम्मत कार्यों को पूरा किया जाएगा। एएमयू इंजीनियरिंग विभाग को एआई हब की सौगात अलीगढ़। एएमयू वीसी के कार्यकाल में ही इंजीनियरिंग विभाग में स्टार लैब एआई हब की शुरुआत की गई। पिछले दो वर्षों से एएमयू के इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों का चयन यूएस की क्लाउड नेबुला कंपनी द्वारा किया जा रहा है। अभी तक यह कंपनी फाइनेंशियल इंजीनियरिंग के छात्रों को ट्रैनिंग और रोजगार मुहैया करा रही थी। अब कंपनी एआई के क्षेत्र में भी पांव पसार रही है। भारत में कंपनी तेलंगाना तो दुबई में ऑफिस खोल रही है। एआई के बढ़ते प्रभाव के देखते हुए उन्हें और युवा इंजीनियर की जरूरत है। अपनी जरूरतों को देखते हुए कंपनी एआई लैब कन्वेंशन हॉल में स्थापित कर रही है। जिसमें स्नातक इंजीनियरिंग के छात्रों को इंटर्नशिप और एमटेक के छात्रों रोजगार मुहैया कराई जाएगी। --------------------------------------------- नियमों का उल्लंघन का है मामला याचिकाकर्ता प्रो. मो. मुजाहिन बेग ने याचिका दायर बताया था कि कार्यवाहक कुलपति प्रो.मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रो. नईमा खातून का कुलपति के रूप में चयन करने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया है। कार्यवाहक कुलपति चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता कर रहे थे और उनकी पत्नी प्रो. नईमा खातून भी पद की दावेदार हैं। कुछ अन्य दावेदारों की याचिकाएं भी इस मामले से संबद्ध (कनेक्ट) कर ली गई हैं। हाईकोर्ट में 23 नवंबर 2023 से मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। भारत सरकार व अन्य इसमें प्रतिवादी रहे। 1920 में बेगम सुल्तान जहां बनी थीं कुलपति साल 1875 में स्थापित मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज को 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय नाम दिया गया था। साल 1920 में बेगम सुल्तान जहां को एएमयू की कुलपति नियुक्त किया गया था। बेगम सुल्तान जहां का ताल्लुक भोपाल राजघराने से था। इसके बाद 103 साल की अवधि में कुलपति नियुक्त की गईं नईमा खातून पहली महिला हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का भारत के शिक्षा जगत में अपनी पहचान है। 24 मई 1857 में इसकी स्थापना की गई थी। स्थापना के वक्त मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल स्कूल के नाम से इसे जाना जाता था। 1920 में इसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाया गया। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की तर्ज पर इसकी स्थापना की गई थी। कौन हैं नईमा खातून? नईमा खातून इसके पहले महिला कॉलेज की प्रधानाचार्या रह चुकी हैं। उन्होंने एएमयू से मनोविज्ञान में पीएचडी पूरी की है और बाद में 1988 में उसी विभाग में व्याख्याता नियुक्त हुईं। 2006 में उनकी प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत हुई और 2014 में महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनीं। ------------------- कर्मचारियों में जागी स्थाई की उम्मीद अलीगढ़ । कार्यालय संवाददाता एएमयू वीसी पर फैसला आने से पहले एएमयू कैंपस में चर्चाएं जोरो पर रही। अस्थाई और स्थाई कर्मचारी अपनी समस्याओं पर बात करते नजर आए। फैसला आने के बाद अस्थाई कर्मचारियों ने कहा कि अब मैडम के हक में फैसला आ गया है। मैडम को अस्थाई कर्मचारियों के बारे सोचना चाहिए। वहीं स्थाई कर्मचारी अपनी पुरानी मांगों का जिक्र करते रहे। एएमयू वीसी के हक में फैसला आने के बाद रजिस्ट्रार, पीआरओ कार्यालय समेत कई कार्यालयों में चर्चाएं गरम रही। कोई पक्ष तो विपक्ष के हक में बात करते नजर आया। जब हाईकोर्ट द्वारा फैसला आया तो एक ओर खुशी का माहौल देखने को मिला तो दूसरी ओर कई लोग नाखुश भी नजर आए। इसी बीच अस्थाई कर्मचारियों ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वेतनमान में वृद्धि हो चुकी है। पर अस्थाई कर्मचारियों को अगर स्थाई कर दिया जाता तो अच्छा होता। अब तो मैडम पूर्णकालिक कुलपति हैं। अब कोर्ट का कोई चक्कर नहीं है। वहीं दूसरी ओर स्थाई कर्मचारी भी अन्य मांगों पर चर्चा करते नजर आए। ---------------------------------- एएमयू छात्रसंघ चुनाव की जागी आस अलीगढ़ । एएमयू वीसी पर फैसला आने के बाद छात्र नेताओं में छात्रसंघ चुनाव की उम्मीद जागी है। छात्रों का कहना है कि अब कुलपति पूर्णकालिक हो गई हैं। अब उन्हें छात्र संघ चुनाव करा देना चाहिए। छात्र कैफ हसन ने बताया कि वर्ष 2019 से वर्ष 2024 तक प्रति छात्र से 200 रुपये, जबकि नियमित प्रति छात्र से 125 रुपये लिए गए। इन वर्षों में कुल एक करोड़ 36 लाख 88 हजार 256 रुपये होते हैं, जिनमें से 13 लाख 18 हजार 990 रुपये खर्च हो गए। इस बात का भी जिक्र हलफनामा में है। हालांकि, यह धनराशि छात्रों की है तो इंतजामिया ने खर्च किसकी अनुमति से कर दिया। छात्र नेता फरीदी अहमद ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव न कराएं, इसके लिए इंतजामिया ने अलग-अलग कक्षाओं में प्रवेश के लिए परीक्षा फॉर्म निकाल दिए। इस संबंध में प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने कहा कि हाईकोर्ट में कोई झूठा हलफनामा नहीं दे सकता है।

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