Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़akhilesh yadav in lok sabha on mahakumbh incident said then I will resign

'तो मैं रिजाइन कर दूंगा…', लोकसभा में महाकुंभ हादसे पर बोलते-बोलते अखिलेश यादव ने ये क्‍यों कहा?

  • सपा प्रमुख ने लोकसभा में कहा कि कुंभ कोई पहली बार नहीं हो रहा है। इसका आयोजन सदियों से होता आया है। हम लोग टीवी चैनलों पर सुनते रहे कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। यदि ये बात गलत है तो मैं रिजाइन (इस्‍तीफा) आपको देना चाहता हूं।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानTue, 4 Feb 2025 02:47 PM
share Share
Follow Us on
'तो मैं रिजाइन कर दूंगा…', लोकसभा में महाकुंभ हादसे पर बोलते-बोलते अखिलेश यादव ने ये क्‍यों कहा?

Akhilesh Yadav in Lok Sabha: समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने से पहले महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा उठाया। उन्‍होंने भाजपा सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि ये हादसा हो कैसे गया? सपा प्रमुख ने कहा कि कुंभ कोई पहली बार नहीं हो रहा है। इसका आयोजन सदियों से होता आया है। जिसका भी राज रहा होगा उसने महाकुंभ और इस तरह के आयोजन का प्रबंध किया होगा। एक तरफ 144 साल बाद होने जा रहे कुंभ का इतना प्रचार किया। हम लोग टीवी चैनलों पर सुनते रहे कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। यदि ये बात गलत है तो मैं रिजाइन (इस्‍तीफा) आपको देना चाहता हूं।

उन्‍होंने कहा कि महाकुंभ की जो तैयारी हुई। हम लोगों ने जो जाना वहां पर, महाकुंभ में न केवल 114 साल का दुर्लभ संयोग बताया गया बल्कि ये भी कहा गया कि धरती पर इस तरह का डिजिटल और जो आधुनिक चीजें हैं टेक्‍नोलॉजी उसका इस्‍तेमाल करके महाकुंभ होने जा रहा है। सीसीटीवी, ड्रोन, लाइव स्‍ट्रीमिंग के आधार पर जिनका दावा था कि वो डिजिटल कुंभ करा रहे हैं, वो मृतकों की डिजिट नहीं दे पा रहे हैं। एक तरफ तो डिजिटल, डिजिटल कहने को थकते नहीं हैं लेकिन जब कुंभ में इतना बड़ा हादसा हो गया है तो सरकार डिजिट नहीं दे पा रही है। कुंभ में हमारे अपने लोग मारे गए हैं। बच्‍चों के आंकड़े तो अभी तक नदारद हैं।

ये भी पढ़ें:'आंकड़े दबाए और छिपाए क्‍यों?', महाकुंभ भगदड़ पर लोकसभा में बोले अखिलेश

अखिलेश ने कहा कि ये कहा कि गया कि ये महाकंभ 144 वर्षों के बाद हो रहा है लेकिन जो लोग ज्‍योतिष समझते होंगे वे जानते होंगे कि हर महाकुंभ 144 वर्ष के बाद होता है। लेकिन ये कहा गया कि नक्षत्र ऐसे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि सतयुग से कलयुग तक यह सनातन परंपरा रही है कि संत-महात्‍मा-साधु समाज मुहूर्त के हिसाब से शाही स्‍नान करते हैं। उसमें नक्षत्रों के हिसाब से जो संयोग बनता है वही शाही स्‍नान का मुहूर्त होता है। लेकिन भाजपा के राज में अनादि काल यह सनातन परंपरा टूट गई।

ये भी पढ़ें:कानपुर में DM के इंस्‍पेक्‍शन से मचा हड़कंप; CMO समेत एक तिहाई स्‍टाफ पर ऐक्‍शन

सपा मुखिया ने कहा कि लोग पुण्‍य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए हैं। श्रद्धालुओं के शव मिल गए थे और सरकार मरने वालों की बात स्‍वीकार नहीं कर रही थी। जब ये जानकारी हो गई कि कुछ लोगों की जान चली गई, लाशें मोर्चरी में पड़ी हैं तब सरकार ने सरकारी हेलीकॉप्‍टर में फूल भरकर वहां पुष्‍प वर्षा कराने का काम किया गया। वहां भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया।

अगला लेखऐप पर पढ़ें