'आंकड़े दबाए और छिपाए क्यों?', महाकुंभ भगदड़ पर लोकसभा में बोले अखिलेश; सर्वदलीय बैठक की मांग
- अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा कि जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है और उनके शव शवगृह और अस्पताल में पड़े हैं, तो सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर पुष्प वर्षा की। यह कैसी सनातनी परंपरा है?
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Akhilesh Yadav in Lok Sabha: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में उठाया। हादसे को लेकर कई सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ये बताए कि यदि अपराध बोध नहीं था तो फिर आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्यों गए हैं? उन्होंने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी मांग की।
अखिलेश यादव लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने स्पीकर से दो मिनट का समय महाकुंभ हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदना के लिए खड़े होकर मौन रखने के लिए देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि किसी और भी सदस्य को संवेदना व्यक्त करनी हो तो वो हमारे सांसदों के साथ दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दे सकते हैं। इस पर स्पीकर ने उन्हें याद दिलाया कि यह अध्यक्ष का अधिकार है। तब अखिलेश यादव ने कहा कि यह अधिकार मेरा नहीं आपका है। मुझे पूरा भरोसा है कि जब अभिभाषण की चर्चा खत्म हो रही होगी उस समय दो मिनट की मौन श्रद्धाजंलि जरूर दी जाएगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि जब देश बजट के बहुत सारे आंकड़े दे रही है तो पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे दे। उन्होंने खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को देने की मांग की। कहा कि महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि यदि अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े दबाए और छिपाए क्यों गए? यह भी तो अपराध है। इसका दंड कौन भुगतेगा। जहां इंतजाम होना चाहिए था वहां प्रचार हो रहा था। एक धार्मिक कार्यक्रम डबल इंजन का प्रचार निंदनीय है। इतने बड़े हादसे के बाद अब तो वो होर्डिंग उतरवा देना चाहिए।
लोकसभा में बोलते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, ‘जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव शवगृह और अस्पताल में पड़े हैं, तो सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर पुष्प वर्षा की। यह कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया। सब कुछ छिपाने के लिए। सुनने में आ रहा है कि कुछ दबाव और कुछ मीठा भी दिया जा रहा है ताकि उनकी खबर बाहर न आए।’
सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने महाकुंभ हादसे पर शोक संवेदना व्यक्त नहीं की। जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की, तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया। ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने लोकसभा में महाकुंभ हादसे में मरने वालों के लिए मौन धारण कर शोक संवेदना व्यक्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में मरने वालों का आंकड़ा सामने लाया जाए। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन और खोया पाया केंद्र की जिम्मेदारी शासन को दे दी जाए। उन्होंने महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की। कहा कि-कार्रवाई उनके खिलाफ भी होनी चाहिए जिन्होंने सच को छिपाया।