Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Akhilesh Yadav had reminded of Mulayam Singh Govt Ken Betwa river linking MoU before Manmohan Singh

एक दिन पहले ही अखिलेश ने दिलाई थी मनमोहन सिंह के सामने मुलायम सिंह यादव के इकरारनामे की याद

  • भारत के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश और दुनिया से शोक संदेशों का तांता लगा है। मनमोहन सिंह एक राजनेता से इतर दुनिया भर में संवेदनशील अर्थशास्त्री के तौर पर भी जाने जाते थे।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 27 Dec 2024 12:54 AM
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भारत के 13वें प्रधानमंत्री और मशहूर अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश और दुनिया के कोने-कोने से शोक संदेश का तांता लगा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने शोक संदेश में कहा है कि सत्य और सौम्य व्यक्तित्व के धनी महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का निधन एक अंतरराष्ट्रीय अपूरणीय क्षति है। 92 साल के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन से एक दिन पहले ही अखिलेश यादव ने मनमोहन की मौजूदगी में अपने पिता और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के एक इकरारनामे की याद दिलाई थी।

25 अगस्त 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और मध्य प्रदेश के सीएम बाबूलाल गौर ने केन और बेतवा नदी को जोड़ने की योजना के लिए सहमति पत्र (एमओयू) पर त्रिपक्षीय समझौत किया था। उस समय इस परियोजना की लागत 4000 करोड़ रुपये आंकी गई थी जिसके जरिए केन नदी का अतिरिक्त पानी 231 किलोमीटर लंबा नहर बनाकर बेतवा नदी में पहुंचाने की योजना थी। इस योजना से यूपी और एमपी के कई जिलों को फायदा होना था। लेकिन इस पर आगे काम नहीं हो सका।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (25 दिसंबर 2024) को खजुराहो में इस परियोजना की नींव रखी थी जिसकी अनुमानित लागत अब बढ़कर 45000 करोड़ हो गई है। पीएम मोदी के कार्यक्रम से पहले अखिलेश यादव ने उस एमओयू साइनिंग की फोटो शेयर की थी जिसमें मनमोहन, मुलायम, बाबूलाल और प्रियरंजन एक साथ नजर आ रहे हैं।

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अखिलेश यादव ने लिखा था- “नदियों को जोड़ना, देश जोड़ने का काम होता है। इसी बड़ी सोच के साथ नेताजी ने देश में सबसे पहले दो राज्यों की नदियों को जोड़ने की परियोजना की संकल्पना की थी और एमपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ केन-बेतवा लिंकिंग प्राजेक्ट के एमओयू को हस्ताक्षरित कर के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को प्रस्तुत किया था। इस परियोजना के पीछे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, पेयजल और बिजली उत्पादन के साथ सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के जलस्तर मे सुधार और क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए निवेश व पर्यटन के नये दरवाज़े खोलकर आत्मनिर्भरता बढ़ाने और पलायन को रोकने का बड़ा नज़रिया काम कर रहा था। अगर वर्तमान केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सही प्राथमिकता दी होती तो नेताजी का ये महान कार्य और पहले ही शुरू होकर अब तक पूर्ण हो जाता।”

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