12 साल के इंतजार के बाद महाकुंभ के लिए सजते-संवरते हैं नागा साधु, अमृत स्नान से पहले करेंगे 17 शृंगार
- स्नान के निकले नागाओं का अंदाज निराला होता है। 12 वर्ष के इंतजार के बाद लगने वाले महाकुम्भ के अमृत स्नान में पतित पावनी मां गंगा से मिलने (स्नान करने) की खुशी में ये पूरी तरह सज संवरकर निकलते हैं।
मंगलवार को होने वाले महाकुम्भ के पहले अमृत (शाही) स्नान का मुख्य आकर्षण अखाड़ों के नागा संन्यासी होंगे। स्नान के निकले नागाओं का अंदाज निराला होता है। 12 वर्ष के इंतजार के बाद लगने वाले महाकुम्भ के अमृत स्नान में पतित पावनी मां गंगा से मिलने (स्नान करने) की खुशी में ये पूरी तरह सज संवरकर निकलते हैं। इनका शृंगार महिलाओं के शृंगार से भी कठिन माना जाता है, महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं तो नागा संन्यासियों का सत्रह शृंगार होता है। मंगलवार को नागा संन्यासी सत्रह शृंगार कर स्नान के लिए निकलेंगे।
नागा संन्यासियों के बाकी शृंगार तो महिलाओं की तरह हैं, महिलाओं से इतर इनका सत्रहवां भस्मी शृंगार होता है। ये अपने पूरे शरीर पर भभूत मलते हैं। स्नान के लिए निकलने से पहले नागा संन्यासी अपने पूरे शरीर पर भभूत मलते हैं। इसके बाद पंचकेश होता है। अगर संन्यायी बाल रखता है तो संवारता है और अगर नहीं रखता है तो उसे साफ करता है। बालों को संवारने के बाद जैसे महिलाएं बिंदी, सिंदूर और काजल लगाती हैं। वैसे नागा पंचकेश के बाद रोरी, तिलक और चंदन से खुद को सजाते हैं।
महिलाएं गहने धारण करती हैं तो नागा संन्यासी हार की जगह रूद्राक्ष की माला, चूड़ी की जगह कड़ा, चिमटा, डमरू और कमंडल आदि धारण करते हैं। दिगंबर नागा वस्त्र तो नहीं धारण करते पर लोकलाज को देखते हुए लंगोट, जिसे कोपिन भी कहा जाता हैं, पहनते हैं। अमृत स्नान के लिए गंगा तट पर पहुंचने के बाद इनका उत्साह दोगुना हो जाता है और नागा उन्मुक्त भाव से उसी तरह उछलते हैं, जैसे कोई बच्चा अपनी मां को देखकर उछलता है।
महिलाओं का शृंगार | नागाओं का शृंगार |
---|---|
बिंदी | तिलक |
सिंदूर | चंदन |
मांग टीका | गूथी हुईं जटाएं |
काजल | काजल |
नथ | चिमटा, डमरू, कमंडल |
हार | रुद्राक्ष की माला |
कर्णफूल | कुंडल |
मेहंदी | रोरी का लेप |
चूड़ियां | कड़ा |
बाजूबंद | बांह पर रुद्राक्ष/फूल की माला |
अंगूठी | अंगूठी |
बाल संवारना | पंचकेश |
कमरबंद | कमर का रुद्राक्ष/फूल की माला |
पायल | पैर में लोहे/चांदी का कड़ा |
इच् | चंदन |
वस्त्र | लंगोट/कोपिन |
------------ | शरीर पर भभूत |