UP में गजब का फर्जीवाड़ा, पहले से बनी सड़क के निर्माण के लिए मांगे 6 करोड़, JE के बाद एई पर गिरी गाज
यूपी में गजब का फर्जीवाड़ा चल रहा है। देवरिया में पहले से निर्मित हो चुकी सड़क के लिए 6.08 करोड़ रुपये मांगे गए। इस मामले में जेई के बाद अब सहायक अभियंता पर भी गाज गिरी है।

देवरिया के सड़क निर्माण में गड़बड़ी मामले में जेई के बाद सहायक अभियंता पर भी गाज गिरी है। वहां निर्मित हो चुकी सड़क के लिए 6.08 करोड़ रुपये का बजट मांगने वाले सहायक अभियंता सुधीर कुमार को निलंबित कर दिया गया है जबकि अधिशासी अभियंता अनिल कुमार जाटव के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियम-7 के तहत जांच के आदेश दिए गए हैं। इस जांच में दोषी मिलने पर बर्खास्तगी तक का प्रावधान है।
मामला देवरिया में कप्तानगंज-हाटा-गौरीबाजार रुद्रपुर मार्ग के निर्माण से जुड़ा है। इस रोड का निर्माण एडीबी (एशियन डेवलेपमेंट बैंक) की सहायता से पहले ही चुका था लेकिन 20 मार्च को इसी बनी हुई सड़क के नाम पर 6.08 करोड़ रुपये और ले लिए गए। मामला खुला तो हड़कंप मचा। शासन ने इसे कदाचार माना। एई सुधीर कुमार को निलंबित कर विभागाध्यक्ष कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है जबकि अवर अभियंता (जेई) राम गणेश पासवान पहले ही मुख्यालय स्तर से निलंबित किए जा चुके हैं। अधिशासी अभियंता अनिल कुमार जाटव के खिलाफ जांच बस्ती के मुख्य अभियंता को सौंपी गई है। गोरखपुर के अधीक्षण अभियंता इस मामले में प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नामित किए गए हैं।
एक्सईएन के डोंगल से हुई बजट की मांग
जानकारों का कहना है कि अधिशासी अभियंता द्वारा बजट की मांग अपने डोंगल से की गई। अधिशासी अभियंता पहला अधिकारी होता है, जो ऑफीशियली बजट की डिमांड करता है। बावजूद इसके अधिशासी अभियंता को निलंबित न करके सिर्फ नियम-7 की कार्यवाही से सवाल खड़े हो रहे हैं जबकि आधिकारिक रूप से इसके लिए उत्तरदायी न होते हुए भी एई और जेई को निलंबन के साथ नियम-7 की कार्यवाही भी की गई है।