उत्तर प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में संविदा कंप्यूटर शिक्षकों के 5000 पदों पर जल्द ही भर्ती होने जा रही है। शिक्षा विभाग ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों को अब तक 40 से अधिक महाविद्यालय हस्तांतरित किए जा चुके हैं। अधिकारी फर्नीचर समेत दूसरे संसाधन जुटाने में व्यस्त हैं। इन महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1065 पदों समेत सीधी भर्ती के कुल 1562 पदों की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। बहुत जल्द आदेश जारी हो सकता है।
कुछ दिन पहले राजकीय विद्यालयों की प्रवक्ता भर्ती में बीएड की डिग्री ( BEd Degree ) अनिवार्य कर दी गई थी। अब यही नियम एडेड कॉलेजों में भी लागू होगा और उसमें भर्ती के लिए बीएड अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।
एलटी ग्रेड के 7385 (2525 महिला व 4860 पुरुष श्रेणी) पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा है। अब बिना बीएड वाले भी कंप्यूटर टीचर बन सकेंगे।
यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक-छात्र अनुपात पूरा है। एक प्रश्न के जवाब में विधानसभा में मंत्री ने यह जानकारी दी है।
कांग्रेस ने यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षित वर्ग के बच्चों के साथ अन्याय हुआ है और उनके लिए निर्धारित कोटे में अनारक्षित वर्ग के युवकों की भर्ती की गई है जो संविधान का उल्लंघन है।
उत्तर प्रदेश में आश्रम पद्धति के स्कूलों में स्वीकृत 4753 पदों में से 1831 पद खाली पड़े हैं। इनमें प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक के करीब 1000 पद भी खाली हैं जबकि प्रधानाचार्य एवं उप प्रधानाचार्य के सैकड़ों पद भी खाली है। इसके अलावा शिक्षणेत्तर कर्मियों के पद भी बड़ी संख्या रिक्त हैं।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग महाकुम्भ के बाद नई शिक्षक भर्ती शुरू करने की तैयारी में है। शनिवार को आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने निदेशकों के साथ बैठकर प्राइमरी, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में मार्च-2025 तक रिक्त होने जा रहे पदों का ब्योरा मांग लिया है।
उत्तर प्रदेश के 1894 पदों पर शिक्षकों भर्ती का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय से शासन को भेज दिया गया है। हालांकि भर्ती आरक्षण का मसला अब तक हल नहीं हो सका है।
उत्तर प्रदेश के 2200 से अधिक राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड और प्रवक्ता भर्ती की नियमावली दो साल में अपडेट नहीं हो सकी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से भेजी गई नियमावली के कई बिन्दुओं पर UPPSC ने आपत्ति करते हुए संशोधन के लिए वापस भेज दिया है।