उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के दोनों गुटों के हाथ मिलाने और एनडीए में जाने की अटकलों को भी खारिज कर दिया। ठाकरे ने कहा कि वे उनके साथ कभी नहीं जाएंगे जिन्होंने उनकी पार्टी को खत्म करने की कोशिश की।
गौर करने वाली बात है कि कर्नाटक के शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया था। वहीं टीएमसी को निमंत्रण भेजा गया था पर ममता बनर्जी ने व्यस्तता का हवाला देकर किनारा कर लिया।
एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक मई में गोवा में होनी है जबकि रक्षामंत्रियों की बैठक अप्रैल में नई दिल्ली में होगी। पाक सरकार ने कहा कि उसने अबतक मीटिंग में शामिल होने को लेकर फैसला नहीं लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को अपनी शक्ति का सावधानी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। उन्हें यह पता होना चाहिए कि यदि वे विश्वास मत बुलाते हैं तो फिर उसका नतीजा सरकार गिरने के तौर पर सामने आ सकता है।
उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और निशान क्यों छिन गया, इसको लेकर हिमंता बिस्वा सरमा ने एक नई थियरी दी है। असम के मुख्यमंत्री का कहना है कि उद्धव संग ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह भगवान पर राजनीति कर रहे थे।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना घोषित करने और उसे 'धनुष और तीर' का चुनाव चिह्न दिए जाने के बाद उद्धव ठाकरे कल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
खुलासे पर सांसद नवनीत राणा का बयान भी सामने आया है और उन्होंने तत्कालीन उद्धव सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मैंने ही आवाज उठाई थी, जबकि सत्ता में रही उद्धव सरकार उदासीन थी।
कभी उत्तर भारतीयों को मार पीटकर मुंबई से भगाने वाली शिवसेना अब उन्हीं को रिझाने की कोशिश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव भी उद्धव ठाकरे की ओर से बीएमसी चुनाव का प्रचार कर सकते हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने उद्धव ठाकरे की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी। विवाद की वजह से चुनाव आयोगन ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न फ्रीज कर दिया था।
उद्धव गुट की योजना है कि उद्धव ठाकरे को केंद्र सरकार द्वारा पीड़ित बताकर राष्ट्रीय राजनीती में उन्हें मुख्य विपक्षी नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जाए। इसके जरिए मराठा वोटबैंक को साधने का प्रयास होगा।
इस बार दो दशहरा रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे का गुट अलग- अलग जगहों पर दशहरा रैली कर रहा है। दोनों को ही बीएमसी ने शिवजाी पार्क में जनसभा करने की इजाजत नही दी थी।
भाजपा ऐसी 144 सीटों पर फोकस करेगी, जहां उसे 2019 में जीत नहीं मिल सकी थी। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि इन पर फोकस करने से वह उन इलाकों में हार की भरपाई कर सकेगी, जहां पिछली बार जीती थी।
कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि इस मामले को स्वीकार कर लिया गया तो फिर देश की हर चुनी हुई सरकार बेदखल कर दी जाएगी। यदि इस तरह से राज्य सरकारों को बेदखल किया जाता है तो फिर यह लोकतंत्र पर खतरा है।
यह सभी सांसद उद्धव ठाकरे से अलग होकर अपना गुट बना सकते हैं। ऐसे भी कयास लगाए जा रहे थे कि यह सभी सांसद एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन देने का ऐलान कर सकते हैं।
उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं और वे जल्द ही पाला बदल सकते हैं।
शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान किया है लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में उद्धव गुट विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन करेंगे।
महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद अब उद्धव ठाकरे के सामने पार्टी और पार्टी का निशान बचाने की चुनौती है। वहीं भाजपा 2024 को लेकर अपनी भूमिका मजबूत करने में लगी है।
इससे पहले उद्धव ठाकरे के सुप्रीम कोर्ट जाने पर शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे पहले भी कोर्ट जा चुके हैं। लेकिन तब भी उन्हें स्टे नहीं मिला था। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है।
उद्धव गुट में अभी और फूट पड़ सकती है। शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव से आग्रह किया था कि पार्टी एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करे। इसके बाद कई तरह के दावे किए जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल के बीच हाल यह है कि उद्धव ठाकरे के पास 55 में से केवल 15 विधायक बचे हैं। उनमें से भी आधे ऐसे हैं जो कि मुंबई के ही विधानसभा क्षेत्रों से हैं।
Navneet Rana on Uddhav Thackeray: नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए सत्ता का लालच रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा तो दे दिया है, लेकिन इसमें बहुत देर कर दी।
अपने एक अन्य ट्वीट में भाजपा नेता ने लिखा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने की उद्धव ठाकरे की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं। वह उसी दिन समझ गए थे कि उन्होंने बहुमत खो दिया है।
सुप्रीम कोर्ट से फ्लोर टेस्ट का रास्ता साफ होने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि अच्छे कामों को नजर जल्दी लग जाती है। उन्होंने एनसीपी प्रमुख और सोनिया गांधी का शुक्रिया अदा किया।
उद्धव सरकार ने राज्य के शहरों के नाम बदलने का बड़ा फैसला किया है। कैबिनेट मीटिंग में औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव नगर करने का फैसला किया गया है।
एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर सुनवाई चल रही थी तो दूसरी तरफ उद्धव कैबिनेट की मीटिंग। मीटिंग के बीच में ही दो मंत्री बाहर निकल गए।
नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दोनों ने विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी है। सुप्रीम कोर्ट शाम को उनकी याचिका पर सुनवाई करेगा।
महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बड़ा फैसला किया है। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद उन्होंने उद्धव सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है।
महाराष्ट्र में लगातार गहराते जा रहे सियासी संकट के बीच जुबानी जंग भी तेज हो रही है। रविवार को शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि गुवाहाटी में ठहरे विधायक जिंदा लाशों की तरह हैं।
उद्धव ठाकरे ने फेसबुक पर लाइव आकर भावुक बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जो विधायक सूरत में बैठे हैं वे सामने आकर कह दें कि मैं योग्य नहीं हूं तो मैं शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूं।
महाराष्ट्र में लंबे समय से चल रहे सियासी ड्रामे के बाद अब एकनाथ शिंद के बागी होने से महाविकास अघाड़ी सरकार संकट में आ गई है। उद्धव ठाकरे ने दूत भेजकर उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन यह काम नहीं आई।