उद्धव और राज ठाकरे में होगी सुलह? सुप्रिया सुले बोलीं- बहुत खुश होते बाला साहेब
- उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के में सुलह की खबरों के बीच सुप्रिया सुले ने कहा कि अगर आज बालासाहेब होते तो वह बेहद खुश होते। उन्होंने कहा कि अगर दोनों साथ आते हैं तो इसका दिल से स्वागत होना चाहिए।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) की सांसद सुप्रिया सुले ने शनिवार को कहा कि अगर अलग हुए चचेरे भाई राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के हित में फिर से एक साथ हो जाते हैं तो इसका पूरे दिल से स्वागत किया जाना चाहिए।
सुले ने दोनों चचेरे भाइयों के बीच सुलह की संभावना के बारे में लगाई जा रही अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। MNS नेता राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई एवं शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच संभावित राजनीतिक सुलह की अटकलों को उस समय बल मिला, जब दोनों के बयानों से संकेत मिला कि वे ‘‘मामूली मुद्दों’’ को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि उनके पिछले मतभेद मामूली हैं और मराठी मानुष के व्यापक हित के लिए एकजुट होना कोई मुश्किल काम नहीं है। शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी बातों और मतभेदों को नजरअंदाज करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को कोई महत्व नहीं दिया जाए।
सुले ने संवाददाताओं से कहा, ‘राज ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में हो रहा विवाद उनके विवाद से बड़ा है। यह मेरे लिए खुशी की खबर है, अगर (दिवंगत शिवसेना संस्थापक) बाल ठाकरे हमारे बीच होते तो वह आज बहुत खुश होते।’ शनिवार को अभिनेता-निर्देशक महेश मांजरेकर के साथ राज ठाकरे का एक ‘पोडकास्ट’ जारी हुआ। इसमें राज ने कहा कि जब वह अविभाजित शिवसेना में थे, तब उन्हें उद्धव के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं थी। राज ने कहा कि सवाल यह है कि क्या उद्धव उनके साथ काम करना चाहते हैं?
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख ने कहा, ‘एक बड़े उद्देश्य के लिए, हमारे झगड़े और मुद्दे मामूली हैं। महाराष्ट्र बहुत बड़ा है। महाराष्ट्र के लिए, मराठी मानुष के अस्तित्व के लिए, ये झगड़े बहुत तुच्छ हैं। मुझे नहीं लगता कि एक साथ आना और एकजुट रहना कोई मुश्किल काम है। लेकिन ये इच्छाशक्ति पर निर्भर है।’ जब राज से पूछा गया कि क्या दोनों चचेरे भाई राजनीतिक रूप से एक साथ आ सकते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘यह मेरी इच्छा या स्वार्थ का सवाल नहीं है। हमें व्यापक तौर पर चीजों को देखने की जरूरत है। सभी महाराष्ट्रवासियों को एक पार्टी बनानी चाहिए।’ राज ने इस बात पर जोर दिया कि अहंकार को मामूली मुद्दों पर हावी नहीं होने देना चाहिए।