भावनात्मक बातचीत जारी है; राज ठाकरे-उद्धव के बीच सुलह की अटकलों पर बोले संजय राउत
- राउत ने कहा कि गठबंधन की कोई घोषणा नहीं हुई है। फिलहाल भावनात्मक बातचीत जारी है। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वे (राज और उद्धव) पारिवारिक कार्यक्रमों में मिलते हैं। वे भाई हैं।

शिवसेना (उबाठा) के सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच गठबंधन की कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि दोनों के बीच भावनात्मक बातचीत जारी है। राउत ने पत्रकारों से कहा कि शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मनसे के अध्यक्ष और अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ सुलह के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखी है।
राउत ने कहा, ''गठबंधन की कोई घोषणा नहीं हुई है। फिलहाल भावनात्मक बातचीत जारी है।'' राज्यसभा सदस्य ने कहा, ''वे (राज और उद्धव) पारिवारिक कार्यक्रमों में मिलते हैं। वे भाई हैं।'' दरअसल, राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्हें अविभाजित शिवसेना में उद्धव के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं थी। इस बयान के बाद दोनों के बीच सुलह की अटकलें शुरू हुईं। यह साक्षात्कार हफ्तों पहले रिकॉर्ड किया गया था और शनिवार को प्रसारित किया गया।
राज ठाकरे ने कहा कि सवाल यह है कि क्या उद्धव उनके साथ काम करना चाहते हैं। हालांकि, मनसे की मुंबई इकाई के अध्यक्ष एवं पार्टी के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने कहा कि लोग राज ठाकरे की टिप्पणी को जरूरत से ज्यादा तूल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी गठबंधन अभी दूर की बात है और शिवसेना (उबाठा) को मराठी भाषा तथा लोगों के लिए मनसे के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए।
वहीं, शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी बातों और मतभेदों को नजरअंदाज करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को कोई महत्व नहीं दिया जाए। उद्धव का इशारा राज ठाकरे द्वारा अपने आवास पर शिवसेना प्रमुख और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मेजबानी करने की ओर था। अपने चचेरे भाई का नाम लिए बिना उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'चोरों' की मदद करने के लिए कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए। उनका स्पष्ट इशारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिंदे नीत शिवसेना की ओर था।
शनिवार को अभिनेता-निर्देशक महेश मांजरेकर के साथ राज ठाकरे का एक पॉडाकस्ट जारी हुआ। इसमें राज ने कहा कि जब वह अविभाजित शिवसेना में थे, तब उन्हें उद्धव के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं थी। राज ने कहा कि सवाल यह है कि क्या उद्धव उनके साथ काम करना चाहते हैं? महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख ने कहा, ''एक बड़े उद्देश्य के लिए, हमारे झगड़े और मुद्दे मामूली हैं। महाराष्ट्र बहुत बड़ा है। महाराष्ट्र के लिए, मराठी मानुष के अस्तित्व के लिए, ये झगड़े बहुत तुच्छ हैं। मुझे नहीं लगता कि एक साथ आना और एकजुट रहना कोई मुश्किल काम है। लेकिन ये इच्छाशक्ति पर निर्भर है।''