देहरादून में बीते 11 नवंबर की रात करीब पौने दो ओएनजीसी चौक पर भीषण हादसा हुआ। चौक क्रॉस कर रहे कंटेनर के पिछले हिस्से से तेज रफ्तार इनोवा कार टकरा गई। हादसे में इनोवा कार सवार शहर के छह युवाओं की मौत हो गई।
राजस्थान के बूंदी में तेज रफ्तार ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद भी ड्राइवर नहीं रुका और कार को करीब 1 किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गया। इस दौरान कार के पहियों के नीचे से चिंगारी निकलती रही।
बिहार में दो अलग-अलग सड़क हादसों में तीन लोगों की मौत हो गई। छपरा और सुपौल में तेज रफ्तार ट्रकों ने बाइक सवारों को अपनी चपेट में ले लिया। छपरा में दो, तो सुपौल में एक शख्स की जान गई।
कोहरे के चलते यूपी के बरेली में भोजीपुरा के जादवपुर में नैनीताल हाइवे पर कई वाहन टकरा गए। एक के बाद एक पीछे से कुल 12 वाहन आपस में टकराते गए। कोहरे के कारण पीछे से आने वाले वाहनों को आगे का नहीं दिखा और भीषण सड़क हादसा हो गया।
अरवल जिले में तिलक समारोह से लौट रहे लोगों की कार और ट्रक की भिड़ंत हो गई। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए हैं। जिनका इलाज पटना के निजी अस्पताल में चल रहा है। वहीं आरोपी ट्रक ड्राइवर फरार चल रहा है।
देहरादून के ओएनजीसी चौक पर सोमवार देर रात तेज रफ्तार कार चौक पार कर रहे कंटेनर के पिछले हिस्से से टकरा गई थी। दूसरी लेन में करीब 350 फीट दूर जाते ही कार सड़क किनारे पेड़ से टकराने के बाद रुकी।
छपरा के गड़खा में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालुओं से भरे टेंपो की टैक्टर से टक्कर हो गई। हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि देर रात एक स्कॉर्पियो मेरठ की ओर से रुड़की की तरफ आ रही थी। इसमें आठ लोग सवार थे। मंगलोर क्षेत्र में गुड़ मंडी के पास कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई।
कार में महाराष्ट्र के कोडोली जिला के कोल्हापुर निवासी कारोबारी का परिवार था। हादसे में कारोबारी बाबूराव, उनकी पत्नी सारिका, बेटी साक्षी, बेटा संस्कार की मौके पर ही मौत हो गई।
शासनादेश धरातल पर लागू होता नहीं दिख रहा है। इसकी तस्दीक प्रशासन के आंकड़े कर रहे हैं। इस दौरान हुई 34 सड़क दुर्घटनाओं में 32 लोग मारे गए, जबकि 37 घायल हुए।
देहरादून में सड़क हादसे के पीछे पुलिस, तेज रफ्तार को कारण मान रही है। देहरादून में होने वाली दुर्घटनाओं में तेज गति, कार सवार ही नहीं दोपहिया वाहन सवारों की भी जान ले रही है।
पिछले 12 साल में राज्यभर में हादसों में 11 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इन हादसों के कारण तलाशने के लिए परिवहन विभाग ने पूर्व के हादसों का अध्ययन किया था, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य मिले।
देहरादून के ओएनजीसी चौक पर सोमवार देर रात हुआ हादसा रूह कंपा देने वाला था। इस हादसे में दो लोगों के सिर धड़ से अलग हो गए। बाकी के दो शवों का भी बुरा हाल था।
रुद्रपुर में मंगलवार की सुबह मटकोटा के पास भीषण हादसा हो गया। इंटर सिटी बस ने छोटा हाथी को टक्कर मार दी। हादसे में लगभग 26 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए जवाहर लाल नेहरू जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कार एक ट्रक से टकराई। मौके पर ट्रक छोड़कर चालक फरार हो गया। कैंट कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक कुलवंत सिंह ने बताया कि रोड एक्सीडेंट में छह छात्रों की मौत हो गई है।
इस हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया। एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गाजियाबाद से गया जा रहे पिता-पुत्र और चाचा की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तेज रफ्तार कार खड़े कंटेनर में पीछे से घुस गई। इससे कार में बैठे पिता-पुत्र और चाचा की दर्दनाक मौत हो गई।
गुजरात के अहमदाबाद से तीर्थ यात्रियों को लेकर सारथी ट्रेवर्ल्स की बस हरिद्वार पहुंची थी। हरिद्वार से बस गुरुवार शाम अयोध्या के लिए चली। शाहजहांपुर में कटरा के खुसरो कालेज के पास बस आगे चल रही रोडवेज बस में जा घुसी। चालक मुकेश सिंह समेत 5 यात्रियों को गंभीर चोट आई।
औरंगाबाद (बिहार) जिले के देव में छठ पर्व पर बच्चे के मुंडन के लिए जा रहे लोगों का ई रिक्शा रात के अंधेरे में कुएं में जा गिरा। हादसे में दो बच्चों की मौत हो गई, जो आपस में चचेरे भाई-बहन थे।
हैरानी की बात यह है कि जगह-जगह चेकिंग के दावों के बावजूद यह बस बागेश्वर से करीब 137 किलोमीटर सफर तय कर भवाली तक पहुंच गई। सल्ट में 36 लोगों की मौत के बाद मंगलवार को हर जिले में पुलिस और आरटीओ अलर्ट नजर आए। जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया गया।
अल्मोड़ा बस दुघर्टना में मारे गए लोगों के प्रति सोमवार को मोहम्मद आमिर द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के बाद लोगों में उबाल देखा गया। लोगों ने प्रदर्शन कर आमिर का पुतला भी फूंका।
हरिद्वार जिले में भी स्थिति गंभीर है, जहां 2024 में 375 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें 241 मौतें और 304 लोग घायल हुए। उधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में भी सड़क हादसों की संख्या चिंताजनक है। जिससे सुरक्षा उपायों की आवश्यकता और अधिक हो जाती है।
अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र में सोमवार को हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। कूपी गांव के पास एक बस खाई में गिरने से 28 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। मंगलवार को सल्ट महादेव लघु केदार में 11 मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।
अल्मोड़ा में सल्ट के मार्चुला में बस हादसे के बाद सामने आए तथ्यों की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अख्तियार किया। हादसे के बाद सामने आया कि इस मार्ग पर क्रैश बरियर नहीं हैं। सड़क किनारे क्रैश बैरियर होने से वाहन को खाई में गिरने से काफी हद तक रोका जा सकता है।
गढ़वाल के मजेडा बैंड तक 41 किमी सड़क की पड़ताल की। सल्ट से मर्चुला तक तो सड़क 5 से 6 मीटर चौड़ी मिली लेकिन इससे आगे कई बार ऐसे मौके आए जब टैक्सी को पास देने के लिए बाइक भी रोकनी पड़ी।
आमिर ने बस हादसे पर आपत्तिजनक फोटो और एक गाने को एडिट करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था। वायरल पोस्ट का एसएसपी पौड़ी ने संज्ञान लेते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश थाना प्रभारी थलीसैंण को दिए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा बस हादसे के बाद उत्तराखंड स्थापना दिवस 9 नवंबर को पर ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है।
अल्मोड़ा के मार्चुला में हुए सड़क हादसे से एक बार फिर पौड़ी गढ़वाल के धुमाकोट में हुए एक जुलाई 2018 के दर्दनाक बस हादसे के जख्मों को कर दिया है। इस हादसे में 48 लोग मारे गए थे। बस की क्षमता से करीब दोगुने यात्री उस में बस में सवार थे।
अल्मोड़ा बस हादसे में मरे 36 लोग और घायल हुए 27 यात्री इसी लापरवाही का नतीजा हैं। 42 सीटर बस में बिना रोकटोक यात्री ठूंस दिए गए। इसके बाद भी बस को चेक करने वाला कोई नहीं मिला।
अल्मोड़ा में बस के गहरी खाई में गिरने से 36 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 24 यात्री घायल हो गए हैं। प्रथम दृष्टयता बस हादसे की मुख्य वजह ओवर लोडिंग बनकर सामने आ रही है।
अल्मोड़ा जिले में बस के गहरी खाई में गिरने से 36 यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि चार घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।