Pitru Paksha 2024 : हिंदू धर्म में पितरों की आत्माशांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृ पक्ष का समय बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दौरान श्राद्ध,तर्पण और पिंडदान के कार्यों से पितर प्रसन्न होते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार पितृपक्ष भाद्रपद माह के पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या तक होता है। इस समय लोग अपने पितृ की आत्मा के शांति के लिए उनका पिंडदान करते हैं।
Pitru Paksha Shradh 202 dwadashi shradh puja vidhi samagri list : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल द्वादशी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है।
Dashami tithi 2022 date: हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। आइए जानते हैं, दशमी श्राद्ध विधि-
Pitru Paksha Shradh 2022 : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल नवमी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। आइए जानते हैं, नवमी श्राद्ध विधि...
ashtami shradh : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल अष्टमी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू हो जाते हैं।
पुरखों का श्राद्ध पितृपक्ष के दौरान जिस तिथि पर पूर्वजों की मृत्यु हुई हो उसी तिथि पर उनका श्रद्धाभाव से श्राद्ध करना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि अमावस्या तिथि पर भी श्राद्धकर्म आदि किया जाता है। इस
Kunwara Panchami 2022 Date: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में तिथिनुसार श्राद्ध का विधान है। जानें कुंवारा पंचमी के दिन किन पितरों का किया जाता है श्राद्ध-
महाभारत काल में सबसे पहले श्राद्ध का उपदेश अत्रि मुनि ने महर्षि निमि को दिया था। इसे सुनने के बाद ऋषि निमि ने श्राद्ध का आरंभ किया। त्रेता युग में सीता द्वारा दशरथ के पिंडदान की कथा बहुतों को मालूम ही
शास्त्रों में अश्विन मास के कृष्ण पक्ष के अमावस्या तक की तिथिके 15 दिन श्राद्ध कर्म के लिए तय किए गए हैं। इसका मतलब है कि इन 15 दिनों में अपने पूर्वजों को याद किया जाता है। इस दौरान पुरखों की तिथि के