Hindi Newsदेश न्यूज़how will wife and husband government question on same sex marriage in sc - India Hindi News

कौन कहेगा रेप हुआ, पत्नी का अधिकार किसे; समलैंगिक शादी पर SC से सरकार के सवाल

समलैंगिक शादियों को मान्यता देने को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया सवाल उठाया है। सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि आखिर गे मैरिज में किसे पत्नी का अधिकार मिलेगा और किसे पति मानेंगे।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 27 April 2023 07:43 AM
share Share

समलैंगिक विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक नया सवाल उठा है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुरुवार को कहा कि एक महिला और पुरुष के विवाह में पत्नी रेप, अप्राकृतिक यौन संबंध जैसे आरोप लगाकर तलाक मांग सकती है। यदि गे मैरिज यानी दो पुरुषों के बीच विवाह होता है तो पत्नी का अधिकार किसे मिलेगा? रेप जैसे आरोप लगते हैं तो कौन और किस पर लगाएगा? इसके अलावा सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दो पुरुषों अथवा दो महिलाओं की ही शादी होगी तो फिर किसे कानून पत्नी के अधिकार देगा और किसे पति का अधिकार मिलेगा। यह विचार करने की बात है।

उन्होंने कहा, 'यह ऐसा अधिकार है, जो खासतौर पर पत्नी को ही मिलता है। गे मैरिज के मामले में किसे यह अधिकार मिलेगा। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दोनों पक्षों को ऐसे अधिकार मिलने चाहिए। लेकिन यहां एक समस्या है। यदि समलैंगिक विवाह में दोनों को ऐसा अधिकार मिलेगा तो फिर क्या विपरीत सेक्स वाले लोगों के बीच विवाह में क्या किया जाएगा।' यही नहीं सॉलिसिटर जनरल ने एक बार फिर यह सवाल उठाया कि यदि समलैंगिक विवाहों को मान्यता दी गई तो फिर स्पेशल मैरिज ऐक्ट का अर्थ ही खत्म हो जाएगा। 

इसके अलावा तुषार मेहता ने कहा कि समलैंगिक शादियों की मांग करने वालों का कहना है कि सरकार का काम निजी रिश्तों को लेकर नियम बनाना नहीं है। यह बात सही नहीं है। उन्होंने कहा कि बेंच में शामिल जज भी मानते होंगे कि यह बात पूरी तरह सही नहीं है। मेहता ने कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जहां सरकार की तरफ से दखल दिया जाता है। जैसे आप पैरेंट्स और बच्चों की ही बात करें तो सरकार का उनके रिश्तों पर कोई कंट्रोल नहीं होता। लेकिन वह यह कह सकती है कि आप अपने बच्चे को स्कूल क्यों नहीं भेज रहे हैं।

सरकार बोली- हर राज्य में शादियों को लेकर अलग हैं नियम

यही नहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि भारत के अलग-अलग राज्यों में शादी की परंपरा में अंतर है। कहीं पर सपिंड या सगोत्र शादियों पर रोक है, जिसके तहत एक ही वंश परंपरा से आने वाले आपस में विवाह नहीं कर सकते। हिंदू मैरिज ऐक्ट और स्पेशल मैरिज ऐक्ट बताता है कि कौन शादियां कर सकते हैं और कुछ पाबंदियों की भी बात है। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें