यहीं हमारे अधिकार खारिज हुए; सुप्रीम कोर्ट परिसर में समलैंगिक कपल ने की सगाई, याचिका भी डाली थी
समलैंगिक शादियों को मान्यता देने की मांग वाली अर्जी दाखिल करने वाले याचियों अनन्य कोटिया और उत्कर्ष सक्सेना ने सगाई कर ली है। दोनों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में ही एक-दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई की।
समलैंगिक शादियों को मान्यता देने की मांग वाली अर्जी दाखिल करने वाले याचियों अनन्य कोटिया और उत्कर्ष सक्सेना ने सगाई कर ली है। दोनों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में ही एक-दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई की है। इसकी जानकारी अनन्य कोटिया ने ट्विटर पर दी है। उन्होंने लिखा, 'कल दुख हुआ। आज उत्कर्ष सेना और मैं दोबारा अदालत गए, जिसने हमारे अधिकारों को खारिज कर दिया। वहां हमने एक-दूसरे को अंगूठियां पहनाईं। हम अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए फिर लौटेंगे।' अनन्य कोटिया ने एक-दूसरे को अंगूठी पहनाने की तस्वीर भी शेयर की है।
उत्कर्ष सक्सेना सुप्रीम कोर्ट में ही वकालत हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की थी। उनकी लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स में पीएचडी करने वाले अनन्य कोटिया से कॉलेज के दिनों में मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों का अफेयर शुरू हुआ था। यह रिश्ता उस दौर में पनपा था, जब समलैंगिकता को भारत में अपराध करार दिया जाता था। अनन्या ने कहा कि हमारा रिश्ता अन्य किसी रोमांटिक लव स्टोरी जैसा ही था। हम डीयू के हंसराज कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मिले थे। यह मुलाकात डिबेटिंग सोसायटी के जरिए हुई थी।
अनन्य कोटिया कहते हैं कि भले ही हमारा सहज था, लेकिन इसे दुनिया के आगे स्वीकार करना आसान नहीं था। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक हमने इसके बारे में किसी को कुछ बताया नहीं था। इस पर उत्कर्ष ने एक बार बताया था कि हम हमेशा अच्छे और फिर बहुत अच्छे दोस्त रहे। लोगों के सामने हम यही बात बताते थे। हमें यह पता नहीं था कि कब भारत में होमोसेक्शुअलिटी को अपराध के दायरे से बाहर किया जाएगा या फिर कब हमें शादी के अधिकार के लिए दावा करने का मौका मिलेगा। यह बहुत कठिन रहा है और हमने लंबी लड़ाई लड़ी है।