नर्सों का काम केवल एक नौकरी नहीं है, बल्कि सेवा और समर्पण का प्रतीक है। लेकिन शेखुल हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज में नर्सें कम वेतन, असुरक्षा और गंदगी जैसी समस्याओं का सामना कर रही हैं। रात की...
वित्तविहीन शिक्षक आज भी जीवन की बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें न तो नियमित वेतन मिलता है और न ही कोई सरकारी सहूलियत। ये शिक्षक बच्चों को शिक्षा देकर उज्जवल भविष्य की उम्मीद जगाते...
जनपद में एक लाख से अधिक ठेला-रेहड़ी वाले सड़क किनारे छोटे व्यापार कर रहे हैं। स्थायी ठिकाना न होने के कारण वे असुरक्षित महसूस करते हैं। सरकार ने वेंडर जोन बनाए हैं, लेकिन अधिकतर वेंडरों को स्थायी...
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग में संविदा चालक-परिचालकों की नियमितीकरण की मांग लंबे समय से की जा रही है। स्वास्थ्य बीमा और उचित मानदेय की कमी के कारण इन कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।...
सहारनपुर में दस हजार से अधिक वेल्डिंग कारीगर सरकारी योजनाओं और सुरक्षा सुविधाओं से वंचित हैं। ये मेहनतकश लोग खतरनाक परिस्थितियों में काम करते हैं, लेकिन उनके लिए कोई स्थायी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।...
सहारनपुर की महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रही हैं, लेकिन उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। रोजगार मेले में 150 से अधिक महिलाओं ने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया और कंडक्टर बनने की...
जनपद में लगभग 20 हजार बढ़ई अपनी पारंपरिक कला को जीवित रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। महंगी लकड़ी, घटती आमदनी और 18% जीएसटी के कारण उनकी स्थिति दयनीय हो गई है। सरकार से सस्ती दर पर लोन, जीएसटी में कमी...
समाज में मास्टर जी कहे जाने वाले दर्जी आज हाशिये पर हैं। रेडीमेड कपड़ों की बढ़ती मांग के कारण दर्जियों की पहचान और काम का महत्व घट गया है। युवा इस पेशे को अपनाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिससे...
दोपहिया वाहनों के मैकेनिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे महंगे पार्ट्स, कम आमदनी और स्थायी ठिकाना न होना। लगभग 25 हजार मैकेनिक सड़क किनारे काम करते हैं और सरकार से सस्ती लोन और...
सहारनपुर के किसानों ने पारंपरिक फसलों के साथ पॉपुलर की खेती को अपनाया है। किसानों की मांग है कि जिले में प्लाईवुड फैक्ट्रियां लगाई जाएं। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और उन्हें लकड़ी बेचने के लिए दूर नहीं...