भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तनाव के बाद दोनों तरफ से बमबारी हुई। सीज फायर के बाद अघोषित युद्ध पर विराम लगा। मगर, पहलगाम की घटना के बाद से लोगों के मन में आतंकियों के विरुद्ध जो गुस्सा है, वह अभी भी बना हुआ है।
देशभर में ताले, हार्डवेयर और मूर्तिकला के लिए पहचाने जाने वाले अलीगढ़ के लघु व अति लघु उद्योग आज नीतिगत उलझनों के चलते अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। वर्षों से जो छोटे कारीगर और पारंपरिक उद्यमी इस शहर की पहचान बनाए हुए थे।
नर्सिंग सिर्फ एक पेशा नहीं, मानवता की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति है। मरीजों की देखभाल, दवा का सही समय और उससे भी बढ़कर उनके मनोबल को संबल देना, यही है नर्स की असल भूमिका।
किसी भी आपात स्थिति चाहे वो प्राकृतिक आपदा हो, तकनीकी संकट या युद्ध जैसी परिस्थितियां। इससे निपटने के लिए मॉक ड्रिल यानी पूर्वाभ्यास बेहद जरूरी हो गया है। इसमें प्रशासनिक एजेंसियों के साथ-साथ आमजन की भागीदारी भी अहम मानी जाती है।
मंगलवार देर रात पाकिस्तान पर भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की खबर ने अलीगढ़ के छात्रों में एक नया जोश भर दिया है। यह महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं। पूरे देश के आत्म सम्मान और धैर्य की सीमा रेखा भी थी।
22 अप्रैल को पहलगाम की वादियों में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। लेकिन अलीगढ़ के पूर्व सैनिकों के दिल में इसने लावा उबाल दिया है। मंगलवार को जिला स्टेडियम में पूर्व सैनिकों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
इलेक्ट्रॉनिक सामान के कारोबारी इन दिनों काफी समस्या से जूझ रहे हैं। उनका कहना है कि ऑन लाइन ने उनका कारोबार पूरी तरह से चौपट कर दिया। जिसके चलते आज व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया। ऑन लाइन घर बैठे ही ग्राहक को सभी सामान उपलब्ध होने की वजह से ग्राहक अब बाजार में नहीं आते हैं।
कभी ताले के लिए मशहूर अलीगढ़ अब उद्यमियों की बेबसी के लिए पहचाना जाने लगा है। यहां के उद्योगपति अब उत्पादन कम और समस्याओं से संघर्ष ज़्यादा कर रहे हैं। कभी अघोषित बिजली कटौती, कभी सड़क पर जलभराव, तो कभी प्रशासनिक उत्पीड़न।
जनपद के मान्यता प्राप्त स्कूल संचालक तमाम समस्याओं से जूझ रहे है। लगातार अपनी मांगों को लेकर विभागीय अधिकारियों के जरिए सरकार तक अपनी बात पहुंचा रहे है,लेकिन स्कूल संचालकों की समस्याओं का निस्तारण आज तक सरकार नहीं कर सकी है। ।
बैंक के दरवाज़े पर जब कोई हुनरमंद महिला स्वरोजगार का सपना लेकर दस्तक देती है और बदले में उसे सिर्फ इनकार, कागजी उलझनें और अस्वीकार भाव मिलता है तब उसका आत्मविश्वास डगमगा सकता है। लेकिन अलीगढ़ में सक्षम नाम का एक निशुल्क प्रशिक्षण केंद्र इन हालातों से लड़ने वाली बेटियों को न सिर्फ हुनर सिखा रहा है।