सुप्रीम कोर्ट ने 1994 में जिलाधिकारी कृष्णैया की हत्या के मामले में बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन की समय से पहले हुई रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है।
उनके बेस वोट बैंक में नरेंद्र मोदी के चेहरे के बदौलत भाजपा भी घुसपैठ कर चुकी है। इसके अलावा उनके खांटी लव-कुश समीकरण में से कुश यानी कि कुशवाहा को भी अलग करने के लिए भगवा पार्टी ने दांव चला है।
Anant Singh And Prabhunath Singh: बिहार सरकार ने एक कानून में संसोधन कर उनकी रिहाई का रास्ता आसान कर दिया। आनंद मोहन की रिहाई के बाद बिहार के कुछ और बाहुबली नेताओं की रिहाई की मांग उठने लगी है।
बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उमा ने सुप्रीम कोर्ट में आनंद मोहन की समय पूर्व रिहाई के फैसले को चुनौती दी है।
बिहार में राजपूत वोटरों की आबादी करीब 6 से आठ फीसदी के बीच है। 30 से 35 विधानसभा क्षेत्रों में राजपूत मतदाता हार-जीत तय करते हैं। फिलहाल किसी एक खास सियासी दल की इस जाति पर पकड़ नहीं रही है।
Anand Mohan Story: बिहार में एक चर्चित कहावत है 'रोम पोप का और मधेपुरा गोप का।' यानी मधेपुरा से कोई यादव ही जीत सकता है। आनंद मोहन ने इसी को तोड़ने के लिए मधेपुरा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
पद्मा ने हैदराबाद में कहा, ''नीतीश कुमार ने जो आनंद मोहन की रिहाई का फैसला लिया है वह बहुत ही गलत है। हम चाहते हैं कि सरकार इसपर पुनर्विचार करे। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।''
जी कृष्णनैया की आनंद मोहन सिंह द्वारा भड़काई गई भीड़ ने हत्या कर दी थी। आनंद मोहन की पार्टी के एक अन्य गैंगस्टर छोटन शुक्ला के शव के साथ विरोध कर रही भीड़ ने कृष्णैया पर हमला किया था।
बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई को लेकर तमाम लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है। इस बीच डीएम जी कृष्णैया की पत्नी का भी बयान आया है। उन्होंने आनंद मोहन की रिहाई पर निराशा जताई है।
डीएम जी कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन सिंह जल्द ही जेल से रिहा हो जाएंगे। सियासी हलकों में इसको लेकर हो-हल्ला मचा हुआ है। इसके साथ ही एक बार फिर से जी कृष्णैया का नाम चर्चा में आ गया है।