जीतनराम मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत डेमोक्रेटिक नेता हैं। वे बाहर से किसी को थोपते नहीं हैं। वहीं जितने भी सदस्य चुने गए हैं वे बैठेंगे और उस बैठक में जिसका नाम प्रस्तावित किया जाएगा उसे नरेंद्र मोदी और अमित शाह दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे।
उन्होंने पहाड़ी भट्ट (सोयाबीन) की दाल के साथ चावल लिए और बैठकर झारखंड-असम के खिलाड़ियों के साथ भोजन किया। खिलाड़ियों ने कहा कि उन्हें उत्तराखंड में खाने और रहने की बेहतर सुविधा मिल रही है।
संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे को डर है कि उनके फोनों की टैपिंग होने के साथ ही दिल्ली की एजेंसियां उनकी हर मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं। राउत ने कहा कि मुझे विधायक ने कहा कि अमित शाह ने चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का वादा किया था, लेकिन नतीजा आने के बाद वह पलट गए।
अमित शाह ने दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट पर जनसभा को संबोधित करते हुए ये बात कही। इस दौरान उन्होंने केजरीवाल के जहर वाले दावे पर भी उन्हें चुनौती दे डाली।
Arvind Kejriwal Big Claim: अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह पर दिल्ली के लोगों को गाली देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसका जवाब लोग चुनाव मे देंगे। इसी के साथ उन्होंने कल एक मामले पर बीजेपी का पर्दाफाश करने की बात भी कही है।
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी से आंबेडकर की मानहानि हुई है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव अमित शाह के बारे में क्या बोलेंगे। वे खुद चारा घोटाले में दोषी साबित हो चुके हैं। उन्होंने बिहार के खजाने से बिहार के गरीबों के हक का पैसा वे खा गए। लू प्रसाद जैसे लोग जहां भी रहेंगे वह राज्य कभी आगे नहीं बढ़ सकता है।
लालू यादव ने गृह मंत्री के खिलाफ गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें बाबा साहेब अंबेडकर से घृणा है। हमने देखा है, सुना है। हम उनके बयान की निंदा करते हैं। उन्हें राजनीति से त्याग पत्र दे देना चाहिए।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे भी अमित शाह पर हमलावर हैं। उन्होंने बुधवार को होम मिनिस्टर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को उनके खिलाफ ऐक्शन लेना चाहिए या फिर वह सत्ता ही छोड़ दें।
अमित शाह ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना यह भी कहा कि कुछ नेताओं को अब आरक्षण में चुनाव जीतने की संभावना दिखती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि कांग्रेस शुरू से आरक्षण विरोधी रही है।