'क्या बात करते हो आप? मैं भी गुजरात से आता हूं', भाषा विवाद को लेकर DMK पर बरसे अमित शाह
- द्रमुक का कहना है कि केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति में त्रि-भाषा फार्मूले को लागू करके तमिलनाडु पर हिंदी भाषा थोपना चाहता है। राज्य सरकार का कहना है कि वह त्रि-भाषा फार्मूले का पालन नहीं करेगी, बल्कि तमिल और अंग्रेजी की अपनी दशकों पुरानी द्वि-भाषा नीति पर ही कायम रहेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रि-भाषा फार्मूले को लेकर जारी विवाद के बीच द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर जोरादार हमला बोला। उन्होंने कहा कि अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी भाषा को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर हुई शुक्रवार को चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने ये बातें कहीं। शाह ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) इस मुद्दे को गांव-गांव लेकर जाएगा और डीएमके की पोल खेलेगा। उन्होंने, ‘हिंदी की किसी भी भारतीय भाषा से स्पर्धा नहीं है। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी है। हिंदी से ही सभी भारतीय भाषाएं मजबूत होती हैं और सभी भारतीय भाषाओं से ही हिंदी मजबूत होती है।’
पिछले कुछ समय से केंद्र और तमिलनाडु के बीच भाषा को लेकर विवाद जारी है। तमिलनाडु ने केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है। हालांकि, केंद्र ने इस आरोप से इनकार किया है। द्रमुक का कहना है कि केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति में त्रि-भाषा फार्मूले को लागू करके तमिलनाडु पर हिंदी भाषा थोपना चाहता है। राज्य सरकार का कहना है कि वह त्रि-भाषा फार्मूले का पालन नहीं करेगी, बल्कि तमिल और अंग्रेजी की अपनी दशकों पुरानी द्वि-भाषा नीति पर ही कायम रहेगी। उच्च सदन में चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने राजभाषा विभाग के अंतर्गत भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना की है। सभी भारतीय भाषाओं के प्रचलन को बढ़ाने के लिए काम किया जाए।
भाषाओं का हिंदी और अंग्रेजी से अनुवाद के लिए ऐप
अमित शाह ने सभी भाषाओं का हिंदी और अंग्रेजी से अनुवाद के लिए ऐप बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिसंबर महीने के बाद वह हर राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री और सांसदों को या वहां के किसी भी नागरिक से उसकी ही भाषा में ही पत्र व्यवहार करने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘ये जो भाषा के नाम पर दुकान चलाते हैं अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए उनको यह मजबूत जवाब है।’ शाह ने कहा कि भाषा के नाम पर बहुत राजनीति हो गई लेकिन अब यह बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘देश आगे बढ़ गया है। अब विकास की बात करिए। आप अपने घपले, घोटाले, भ्रष्टाचार छिपाने के लिए भाषा की आड़ लेते हैं। आपकी हम पोल खोलेंगे। गांव-गांव जाकर पोल खोलेंगे कि कि अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ये भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।’
एक-एक भाषा भारत की संस्कृति का गहना
केंद्रीय गृह मंत्री ने भारत की एक-एक भाषा को भारत की संस्कृति का गहना करार दिया। अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी को दक्षिण भारतीय भाषाओं का विरोधी कहे जाने पर द्रमुक को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, ‘यह कैसे हो सकता है? हम भी तो वहीं से आते हैं? मैं भी गुजरात से आता हूं। निर्मला जी तमिलनाडु से आती हैं। हम कैसे विरोधी हो सकते हैं? क्या बात करते हो आप? हमने भाषाओं के लिए काम किया है। हमने मेडिकल और इंजीनियरिंग के शिक्षा को भारत की भाषाओं में किया है।’ शाह ने कहा कि केंद्र सरकार 2 साल से तमिलनाडु सरकार से कह रही है लेकिन उसमें हिम्मत नहीं है मेडिकल और इंजीनियरिंग के शिक्षा को तमिल में अनुवादित करने की।
'मेडिकल-इंजीनियरिंग का कोर्स तमिल में बनाएंगे'
अमित शाह ने कहा कि आपके आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। आप यह नहीं कर सकते हो। मगर हमारी सरकार आएगी वहां, तो हम मेडिकल और इंजीनियरिंग का कोर्स तमिल में बनाएंगे। उन्होंने भाषा के नाम पर जहर फैलाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें हजारों किलोमीटर दूर की कोई भाषा तो अच्छी लगती है पर भारत की भाषा उन्हें अच्छी नहीं लगती है। शाह ने कहा कि भारतीय भाषाओं के विकास के लिए राजग सरकार प्रतिबद्ध है, इसमें किसी को शंका नहीं होनी चाहिए।