विनेश फोगाट से पहले CAS से रोमानिया की टीम को मिला न्याय, अमेरिकी जिमनास्ट से छिना ब्रॉन्ज मेडल
- अंतरराष्ट्रीय जिमनास्टिक्स फेडरेशन ने मैच के दौरान एक ऐसा फैसला लिया जिससे रोमेनिया की टीम ब्रॉन्ज मेडल से चूक गई। जब इसके खिलाफ टीम ने CAS से अपील की तो फैसला उनके हक में आया और अमेरिकी जिमनास्ट जॉर्डन चिल्स से मेडल वापस करने को कहा गया।
क्या आपने कभी ओलंपिक में किसी एथलीट के जीतने के बाद उससे मेडल छिनता हुआ देखा है? ऐसी घटनाएं बहुत ही कम देखने को मिलती है, मगर पेरिस ओलंपिक में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) के फैसले के बाद कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय जिमनास्टिक्स फेडरेशन ने मैच के दौरान एक ऐसा फैसला लिया जिससे रोमेनिया की टीम ब्रॉन्ज मेडल से चूक गई। जब इसके खिलाफ टीम ने CAS से अपील की तो फैसला उनके हक में आया और अमेरिकी जिमनास्ट जॉर्डन चिल्स से मेडल वापस करने को कहा गया। CAS के इस फैसले के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि 13 अगस्त को विनेश फोगाट मामले में भी फैसला भारत के पक्ष में आ सकता है और फोगाट को संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल मिल सकता है।
बताया जा रहा है कि जिमनास्टिक के फ्लोर इवेंट के दौरान अंतर्राष्ट्रीय जिमनास्टिक्स महासंघ (FIG) के गलत फैसले के कारण रोमानिया की एना बारबोसु चौथे स्थान पर रहते हुए मेडल से चूक गई थी, वहीं अमेरिका की जॉर्डन तीसरे नंबर पर रहते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रही थी।
मैच के बाद रोमानिया की टीम ने इस फैसले का विरोध किया और CAS में अपील दर्ज की। उनका कहना था कि अमेरिका को जिस अपील के चलते अंक मिले थे वो उन्होंने तय समय से 4 सेकंड देरी से दायर की थी। CAS ने तहकीकात में रोमानिया को सही पाया और फैसला उनके पक्ष में सुनाया।
इवेंट के फाइनल राउंड में जॉर्डन ने 13.766 स्कोर के साथ तीसरे नंबर पर रहते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था, जबकि एना का स्कोर 13.700 रहा था और वो चौथे नंबर पर रहकर बाहर हो गई थीं। मगर CAS के फैसले के बाद अब यह मामला पूरी तरह से पलट गया है। एना फैसले के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच गई है तो जॉर्डन 5वें स्थान पर खिसक गई है। CAS ने जॉर्डन को उनका मेडल वापस करने का आदेश भी जारी कर दिया है।
CAS के इस फैसले के बाद विनेश फोगाट मामले में सकारात्मक फैसले की उम्मीद जताई है, हालांकि दोनों ही स्थितियों में काफी अंतर है। चिलीज मामले में, FIG को अपने स्वयं के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया था, जिसके कारण CAS को फैसला पलटना पड़ा। इसके विपरीत, कुश्ती की देखरेख करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ने फोगट के मामले में नियमों का पालन किया, मगर फोगाट यहां डिस्क्वालिफाई होने के बाद कम से कम रजत पदक की मांग कर रही है।
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