Notification Icon
Hindi Newsराजस्थान न्यूज़national women commission president rekha sharma remark on shanti dhariwal

मर्दानगी पर बयान देने वाले को हटा देना चाहिए, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष का शांति धारीवाल पर निशाना

उन्होंने कहाकि महिलाओं के प्रति सीरियस क्राइम को लेकर महिला आयोग लगातार फॉलोअप कर रहा है। उन्होंने कहाकि दौसा में जो घटना हुई थी, उसकी जांच भी सही नहीं हुई थी। उन्हें तो दौसा आने से भी रोका गया था।

Deepak लाइव हिंदुस्तान, उदयपुरFri, 27 May 2022 06:02 PM
share Share

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को उदयपुर संभाग में राज्य सरकार और मंत्री शांति धारीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मर्दानगी वाले बयान देने वाले मंत्री को एक बार मंत्रिपरिषद से बाहर निकालना चाहिए। आखिर हम क्या संदेश देना चाह रहे है? माफी मांगने से कुछ नहीं होता। राजस्थान में सीरियस केस बढ़ रहे हैं। आयोग मॉनिटरिंग कर रहा है।

दौसा मामले पर भी सवाल
आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। वे यहां गंगरार में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में भाग लेने आईं थीं। उन्होंने कहाकि महिलाओं के प्रति सीरियस क्राइम को लेकर महिला आयोग लगातार फॉलोअप कर रहा है। उन्होंने कहाकि दौसा में जो घटना हुई थी, उसकी जांच भी सही नहीं हुई थी। उन्हें तो दौसा आने से भी रोका गया था। बार-बार राजस्थान आने पर उन्हें अच्छा नहीं लगता है। इसको राजनीति से जोड़ा जाता है। आयोग महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान के कामों को लेकर प्रतिबद्ध है। राजस्थान के मंत्री, विधायक महिलाओं के लिए किस तरह के बयान दे देते हैं। मंत्री ही मर्दानगी जैसे बयान देते हैं तो उनके खिलाफ सरकार कुछ नहीं करती। यहां आपको बता दें कि विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने रेप पर बहस के दौरान मर्दानगी शब्द का इस्तेमाल करते हुए बयान दिया था।

सरपंच पति का कल्चर खत्म नहीं हुआ
आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि महिला आरक्षण से महिलाओं को भागीदारी मिल रही हैं, लेकिन महिला के सरपंच बनने के बाद भी सरपंच पति का कल्चर खत्म नहीं हुआ है। इस देश में अब महिलाएं अबला नारी की तरह नहीं है बल्कि वे विमन एम्पावरमेंट को रिप्रेजेंट कर रही हैं। उन्होंने कहाकि महिला पंचायतों के विकास में अहम भूमिका निभाने के लिए महिला सरपंचों को ट्रेनिंग भी दी गई। इसका फायदा हुआ, लेकिन सरपंच पति का कल्चर अब भी कायम है। इसी कड़ी में अब महिला सांसद और विधायकों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे अपनी बात को संसद और विधानसभा में ज्यादा प्रभावी तरीके से रख सकें।

लिंगानुपात पर तहसील स्तर पर देंगे प्रशिक्षण
लिंगानुपात के भेद को खत्म करने के लिए तहसील स्तर पर भ्ज्ञी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसमें पुलिस और राज्य महिला आयोग को भी साथ में लिया जा रहा है। अभी घरेलू हिंसा को लेकर प्रोग्राम बनाने पर विचार किया जा रहा है। महिलाओं के सुधार गृह को भी सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। अभी कई जगह सुधार गृहों में नाम मात्र की सुविधाएं हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें