शिंदे की राह पर जाएंगे भगवंत मान, उनकी कुर्सी पर केजरीवाल की नजर; कांग्रेस नेता का बड़ा दावा
- कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने एक विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब जैसे राज्य में यह जरूरी नहीं है कि मुख्यमंत्री केवल सिख ही हो।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली बड़ी हार के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के राजनीतिक भविष्य को लेकर अब अटकलों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि भगवंत मान गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं और वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं।
इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में बाजवा ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के पंजाब इकाई में जल्द ही फूट पड़ सकती है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भगवंत मान महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे की राह पर चल सकते हैं। बाजवा ने दावा किया कि पंजाब से 30 से अधिक AAP विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा, "जब भी महाराष्ट्र का विमान चंडीगढ़ लैंड करेगा तो पहला यात्री जो एकनाथ शिंदे बनेगा वह भगवंत मान होंगे।" बाजवा ने यह भी इशारा किया कि भगवंत मान और AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल के संबंधों में तनाव बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में शिवसेना से विद्रोह कर दिया था। उनका आरोप था कि शिवसेना तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा कांग्रेस और एनसीपी के साथ महा विकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन में शामिल होने के बाद अपने हिंदुत्व के सिद्धांत से भटक रही थी। शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने बीजेपी के समर्थन से शिवसेना में विद्रोह किया, जिसके परिणामस्वरूप महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई। बाद में शिंदे बीजेपी-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में शामिल हुए और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।
बाजवा ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली वाली AAP के बीच सियासी तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने एक विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब जैसे राज्य में यह जरूरी नहीं है कि मुख्यमंत्री केवल सिख ही हो। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और यह संकेत दिया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल और पंजाब AAP के नेताओं के बीच कुछ अहम मतभेद हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जाब में एक विधायक की आत्महत्या के कारण लुधियाना विधानसभा सीट खाली हो गई है। यह संभावना जताई जा रही है कि केजरीवाल इस अवसर का लाभ उठाने के लिए पंजाब में अपनी राजनीतिक पकड़ को और मजबूत करने की योजना बना रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा का मानना है कि केजरीवाल पहले से ही पंजाब में अपनी भूमिका को लेकर योजनाएं बना रहे थे, खासकर तब जब दिल्ली में उनकी पार्टी की स्थिति मजबूत होती नहीं दिख रही थी। बाजवा ने यह भी कहा कि अमन अरोड़ा का यह बयान एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जिसे मीडिया में उछालने के लिए जानबूझकर दिया गया था।
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