लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन के 90 घंटे काम करने के बयान ने सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया है। एसएन सुब्रमण्यन की हफ्ते के 90 घंटे काम करने वाले बयान पर बसह छिड़ गई है। राजीव बजाज से लेकर आनंद महिंद्रा और अदार पूनावाला समेत कई दिग्गजों ने तंज कसा है और क्वालिटी वर्क पर फोकस करने को कहा है न क्वांटिटी वर्क पर। इधर, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) ने बताया कि ग्लोबल ओवरवर्क क्षेत्र में भारत पहले से ही फ्रंड रो में है। ILO ने खुलासा किया कि भारत दुनिया के सबसे अधिक घंटे तक काम करने वाले देशों में 13वें स्थान पर है। संगठन ने यह भी कहा कि औसतन भारतीय कर्मचारी हर सप्ताह 46.7 घंटे काम करते हैं। आइए जानते हैं दुनिया के टॉप 10 देश, जहां सबसे अधिक घंटे तक काम करना पड़ता है...
दुनिया में सबसे अधिक काम के घंटों के मामले में छोटी आबादी होने के बावजूद भूटान के लोग टॉप पर हैं। भूटान में कर्मचारी प्रति सप्ताह लगभग 54.4 घंटे काम करते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है। यहां कर्मचारी अपनी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए प्रति सप्ताह 50.9 घंटे काम करते हैं।
लेसोथो में, लोग हर हफ्ते 50.4 घंटे काम करते हैं। दुनिया में प्रति सप्ताह सबसे अधिक काम के घंटों वाला यह तीसरा देश है।
लिस्ट में कांगो को चौथा स्थान मिला है, जहां कर्मचारी प्रति सप्ताह 48.6 घंटे काम करते हैं।
सूची में पांचवां स्थान कतर का है जहां कर्मचारियों का औसत कार्य सप्ताह 48 घंटे का है।
छठे नंबर पर लाइबेरिया है जहां कर्मचारी अपनी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए प्रति सप्ताह 47.7 घंटे काम करते हैं।
लिस्ट में अगला स्थान मॉरिटानिया का है जहां लोग प्रति सप्ताह 47.6 घंटे काम करते हैं।
आठवें नंबर पर लेबनान है, जहां लोग प्रति सप्ताह औसतन 47.6 घंटे काम करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, मंगोलिया में कर्मचारी प्रति सप्ताह 47.3 घंटे काम करते हैं।
10वें नंबर पर जॉर्डन है जहां लोग औसतन प्रति सप्ताह 47 घंटे काम करते हैं।