जेपी ग्रींस नाइट कोर्ट के घर खरीदारों के लिए गुड न्यूज, 312 फ्लैट पर एक दशक बाद मिलेगा कब्जा
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-128 स्थित जेपी ग्रींस नाइट कोर्ट परियोजना को नोएडा प्राधिकरण से ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्राप्त हो गया है। अब परियोजना के आठ टावरों के 312 फ्लैट पर आवंटियों को कब्जा मिल जाएगा।
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-128 स्थित जेपी ग्रींस नाइट कोर्ट परियोजना को नोएडा प्राधिकरण से ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्राप्त हो गया है। अब परियोजना के आठ टावरों के 312 फ्लैट पर आवंटियों को कब्जा मिल जाएगा। यहां के फ्लैट खरीदार करीब एक दशक से इसका इंतजार कर रहे थे।
जेपी ग्रींस नाइट कोर्ट के फ्लैट खरीदारों ने फ्लैट पर कब्जा नहीं मिलने की शिकायत उत्तर प्रदेश रेरा से की थी। इसके बाद रेरा के प्रयासों से परियोजना के आवंटियों, नाइट कोर्ट सोशल वेलफेयर सोसाइटी और परियोजना की निर्माता कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स के बीच बातचीत हुई और फिर से काम शुरू करने पर सहमति बनी। सोसाइटी का निर्माण पूरा होने के बाद ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट भी प्राप्त हो गया है।
जयप्रकाश एसोसिएटस लिमिटेड ने जेपी विश टाउन में जेपी ग्रींस नाइट कोर्ट परियोजना लॉन्च की थी, जिसमें कुल आठ टावर थे। इसमें 312 फ्लैट बनने थे। यह परियोजना वर्ष 2010-11 में लाई गई थी। करीब दस साल बीतने के बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका। परियोजना के खरीदार देरी से काफी परेशान थे। लिहाजा रेरा ने 2021 जनवरी में 50 प्रतिशत से अधिक आवंटियों की सहमति से बाकी बचे हुए निर्माण कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए। लगभग तीन वर्षों के बाद परियोजना का निर्माण पूरा कर लिया गया।
वहीं, अंतिम चरण का विकास कार्य चल रहा है। रेरा की देखरेख में बचे हुए निर्माण और विकास कार्य पूरा करने वाली जेपी ग्रींस नाइट कोर्ट परियोजना प्रदेश में दूसरी रियल एस्टेट परियोजना बन गई है। इसके पहले 302 इकाइयों वाली जेपी ग्रींस कैलिप्सो कोर्ट फेज-2 परियोजना पूरा करके प्रथम परियोजना बनी थी।
दस हजार से अधिक रजिस्ट्री का लक्ष्य
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दस हजार से ज्यादा फ्लैट की रजिस्ट्री मार्च से शुरू की गई है। अब तक 500 फ्लैट की रजिस्ट्री हो चुकी है। अप्रैल में 5000 फ्लैट की रजिस्ट्री का लक्ष्य रखा गया है। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को प्रदेश शासन ने मंजूरी दी थी। इसके तहत बिल्डरों को जीरो पीरियड का लाभ के चलते बकाये का 25 प्रतिशत पैसा जमा करना होगा, जिसके बाद उसी अनुपात में रजिस्ट्री शुरू होंगी।
मालिकाना हक न मिलने से नहीं हो पा रहे शिफ्ट
हजारों फ्लैट खरीदार रजिस्ट्री की वजह से शिफ्ट नहीं हो पा रहे थे। रजिस्ट्री शुरू होने के बाद से लोगों को अब अपना घर मिलने की उम्मीद है। बिल्डरों के प्राधिकरण पर बकाया राशि होने के कारण पांच साल से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। अब कई बिल्डरों ने प्राधिकरण की राशि देनी शुरू की है।