भारत में पांच गुना तक बढ़ सकते हैं भीषण गर्मी के दिन
भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी के दिनों की संख्या पांच गुना बढ़ सकती है। आईआईटी बॉम्बे और ईटीएच ज्यूरिख के अध्ययन के अनुसार, तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से गर्मी के दिन बढ़ेंगे,...
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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में भीषण गर्मी के दिन पांच गुना तक बढ़ सकते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण हीटवेव का दौर लंबा चलने की आशंका है। आईआईटी बॉम्बे और ईटीएच ज्यूरिख के संयुक्त शोध में ये तथ्य सामने आए हैं।
अध्ययन के मुताबिक, अगर तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है तो सदी के मध्य और अंत में भारत में गर्मी के दिनों की संख्या पांच गुना बढ़ेगी। अगर तापमान दो डिग्री सेल्सियस बढ़ता है तो सदी के अंत तक भीषण गर्मी के दिनों की संख्या में आठ गुना वृद्धि होगी। हालात यही रहे तो वर्ष 2100 तक गर्मी से स्थिति बेकाबू हो जाएगी। अध्ययन में कहा गया है, पृथ्वी के औसत तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने से सदी के अंत तक भीषण गर्मी की संभावना 25 से 44 फीसदी कम हो सकती है।
इस तरह किया शोध
शोधकर्ताओं ने हीटवेव में हुए बदलावों और भारत में मानव मृत्यु दर के साथ उनके संबंध की जांच की। हीटवेव के आकलन में आर्द्रता के महत्व को देखते हुए, उन्होंने हीटवेव को ऑप्रेसिव (अधिक तापमान और आर्द्रता) और चरम (अधिक तापमान और कम आर्द्रता) में वर्गीकृत किया। उन्होंने कम्युनिटी अर्थ सिस्टम मॉडल लार्ज एनसेंबल न्यूमेरिकल सिमुलेशन डाटा सेट से रोजाना के तापमान और विशिष्ट आर्द्रता सिमुलेशन का उपयोग किया। इसके बाद 1.5 डिग्री सेल्सियस और दो डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग के बाद भविष्य में हीटवेव की घटनाओं की संभावना की जांच की गई।
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यूरोप में ठंड की तुलना में गर्मी से अधिक लोग मरेंगे
यूरोप में जलवायु संकट के कारण आने वाले दिनों में ठंड की तुलना में कई गुना अधिक लोग गर्मी से मारे जाएंगे। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में पर्यावरण और स्वास्थ्य मॉडलिंग लैब के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में यह दावा किया गया है। नेचर मेडिसीन में प्रकाशित शोध के अनुसार, सदी के अंत तक गर्मी की वजह से यूरोपीय शहरों में 23 लाख से अधिक अतिरिक्त मौतें होंगी।
सदी के अंत तक गर्मी से सबसे अधिक अतिरिक्त मौतें इन शहरों में होगी
शहर अनुमानित अतिरिक्त मौतें
बार्सिलोना, स्पेन 246,082
रोम, इटली 147,738
नेपल्स, इटली 147,248
मैड्रिड, स्पेन 129,716
मिलान, इटली 110,131
एथेंस, ग्रीस 87,523
वेलेंसिया, स्पेन 67,519
मार्सिले, फ्रांस 51,306
बुखारेस्ट, रोमानिया 47,468
जेनोआ, इटली 36,338
(नोट: 2099 तक तापमान से संबंधित मौतों में वृद्धि)
समुद्र का स्तर 1.9 मीटर बढ़ेगा
नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के अध्ययन में बताया गया है, वर्ष 2100 तक दुनियाभर में समुद्र के स्तर में 0.5 से 1.9 मीटर की वृद्धि होगी। यह संयुक्त राष्ट्र के अनुमान 0.6 से 1.0 मीटर से 90 सेंटीमीटर अधिक है। जर्नल अर्थ्स फ्यूचर में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि ग्लेशियर पिघलने जैसी घटनाओं की वजह से समुद्र का स्तर बढ़ेगा। इसके अलावा, कुछ अनिश्चित घटनाएं भी शामिल हैं, जैसे कि अचानक बर्फ की शेल्फ का ढहना।
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