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कई मायनों में महत्वपूर्ण है प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा (21-23 सितंबर) महत्वपूर्ण है। इस दौरान, मोदी बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस से मुलाकात कर सकते हैं। भारत-बांग्लादेश रिश्तों की स्थिति को सुधारने...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 19 Sep 2024 01:25 PM
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- मोदी की बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस से मुलाकात होने की भी संभावना मदन जैड़ा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा (21-23 सितंबर) इस बार कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह यात्रा भारत-अमेरिकी रिश्तों में प्रगाढ़ता, क्वाड की रणनीति और संयुक्त राष्ट्र महासभा की फ्यूचर समिट में संबोधन तक सीमित नहीं रहेगी। इस दौरान कई राष्ट्रों के प्रमुखों के साथ होने वाली द्विपक्षीय बैठकें, रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस से मुलाकातों को भी अहम माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस से मुलाकात होने की संभावना है। भारत-बांग्लादेश के मौजूदा रिश्तों के संदर्भ में यह मुलाकात बेहद अहम है क्योंकि शेख हसीना की भारत में मौजूदगी को लेकर बांग्लादेश का रुख बेहद तल्ख नजर आ रहा है तथा बांग्लादेश में उन्हें वापस भेजने की मांग उठ रही है। दूसरे, परस्पर संबंधों में तल्खी के चलते दोनों देशों के बीच कारोबार प्रभावित हो रहा है। खासकर, भारत से निर्यात हो रही बिजली का भुगतान रुकने से निजी-सरकारी कंपनियों पर संकट आने का खतरा है। ऐसे में, राजनयिक और कारोबारी रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने के लिए यह मुलाकात जरूरी और अहम मानी जा रही है। हालांकि, मुलाकात अभी तक तय नहीं हुई है लेकिन संभावना है कि अगले कुछ दिनों में यह तय हो सकती है।

राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों से मुलाकात

यात्रा के दौरान पीएम मोदी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और वर्तमान उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मुलाकात कर सकते हैं। अमेरिका में संभावित सत्ता परिवर्तन के मद्देनजर ये दोनों मुलाकातें भी भविष्य के लिए अहम हैं।

रूस-यूक्रेन युद्ध

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की भूमिका जिस प्रकार से एक मध्यस्थ के रूप में उभर रही है, उसके मद्देनजर यह भी अटकलें तेज हैं कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकातों के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात में क्या इस समस्या के समाधान का कोई फॉर्मूला निकल सकता है। क्या बाइडन से मुलाकात में मोदी कोई फॉर्मूला सुझा सकते हैं। हालांकि, आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में अमेरिका की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है और इस समय भारत इन सबके बीच एक केंद्र बिंदु के रूप में उभरा है।

फ्यूचर समिट : फ्यूचर समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्लोबल साउथ के मुद्दे पर भी बात कर सकते हैं। दरअसल, भारत ग्लोबल साउथ देशों की आवाज को लगातार उठा रहा है तथा भारत के प्रयासों से ही जी-20 समूह में अफ्रीकी यूनियन को प्रवेश मिल पाया है। ऐसे में फ्यूचर समिट जो भविष्य के समाधानों को लेकर है, उसमें ग्लोबल साउथ देशों की चिंताओं को भी प्रमुखता दिए जाने के आसार हैं। इनको अगर दृष्टिपत्र में शामिल किया जाता है तो यह भारत के लिए एक कूटनीतिक सफलता होगी।

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