एससी-एसटी आरक्षण में लागू नहीं होगा क्रीमी लेयर का फार्मूला
नोटःःः इसमें पूर्व में जारी खबर ‘सरकार ने आठ रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी समाहित
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक ने एससी-एसटी आरक्षण को बदस्तूर जारी रखने का फैसला किया। बैठक में साफ किया गया कि बाबा साहब आंबेडकर के संविधान में एससी-एसटी के आरक्षण के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, वह बरकरार रहेंगे। इसके साथ ही सरकार ने हाल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर फॉर्मूला लागू करने का सुझाव स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बैठक के दौरान हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। सरकार का स्पष्ट मानना है कि वह बाबा साहब के संविधान को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध और संकल्पित है। इसमें एससी-एसटी को दिया गया आरक्षण भी शामिल है। वह इस बारे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रीमी लेयर को दिए गए सुझाव पर अमल नहीं करेगी, बल्कि पहले की तरह ही आरक्षण की व्यवस्था जारी रहेगी। हालांकि वैष्णव ने इस सवाल पर जवाब नहीं दिया कि कोर्ट ने उप वर्गीकरण की भी बात कही है, उस पर सरकार का क्या रुख है? वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने जो फैसला लिया है, वह आपको बता दिया गया है।
इस फैसले से यह तो साफ हो गया है कि सरकार एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर को शामिल करने नहीं जा रही है। देशभर के एससी-एसटी समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध किया था। शुक्रवार को ही संसद भवन में भाजपा के एससी-एसटी समुदाय से जुड़े सभी सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा, जिसमें कोर्ट के फैसले को न मानने और एससी-एसटी को पहले की तरह ही आरक्षण जारी रखने की मांग की गई। प्रधानमंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था कि वह निश्चिंत रहें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ने यह फैसला किया।
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आठ रेल लाइन परियोजनाओं को मंजूरी
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने शुक्रवार को 24,657 करोड़ लागत की आठ नई रेल लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। इससे ओडिशा, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व महाराष्ट्र के 14 जिलों के 900 किलोमीटर रेल क्षमता का विस्तार होगा। इसके अलावा नई रेल लाइनों के बिछाने के काम में 62 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। इसका सीधा फायदा उक्त राज्यों के 510 गांवों के निवासियों को होगा, जिनकी आबादी लगभग 40 लाख है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में किए फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि नई रेल लाइन परियोजनाओं से पूर्वोत्तर, ओडिशा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल को नए रेल कॉरिडोर मिलेंगे। इनके जरिए सीमेंट, कोयला, खाद, खाद्यान्न, खनिज आदि की तेज ढुलाई संभव होगी। इससे पिछड़े व आदिवासी जिलों के स्थानीय निवासियों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
वैष्णव ने बताया कि बिक्रमशिला-कटारिया के बीच 26.23 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछायी जाएगी। इसकी लागत 2549 करोड़ होगी। इसके अलावा बिहार में गंगा के ऊपर पांचवां पुल बनाया जा रहा है। नई रेल लाइन से उत्तर व पश्चिम बिहार की रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी। झारखंड से नई रेल कनेक्टिविटी बनेगी। बिहार के पावर प्लांट को आसनी व तेज गति से कोयला पहुंचाया जा सकेगा। वैष्णव ने बताया कि ओडिशा, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व महाराष्ट्र में नई रेल लाइनों से 143 मिलियन टन कार्गों की अतिरिक्त ढुलाई होगी। इससे 767 करोड किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह 30 करोड़ पौधरोपण के समान है।
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