संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण की सीमा खत्म करे सरकार: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को जाति जनगणना के बाद आरक्षण की 50 फीसदी सीमा खत्म करने की मांग की। उन्होंने पत्र में निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने का सुझाव...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। जाति जनगणना कराए जाने के ऐलान के बाद केंद्र सरकार पर आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को खत्म करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। पूरे देश में इस मांग को उठाने के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरने ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने की मांग उठाई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स पर पोस्ट कर कहा कि कार्यसमिति की दो मई को हुई बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष ने सोमवार रात प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। जाति जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर यूटर्न लेने का आरोप लगाते हुए खरगे ने पत्र में तीन सुझाव भी दिए हैं।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में खरगे ने अपने 16 अप्रैल 2023 को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि उन्होंने पहले भी मांग की थी। पर, उस वक्त पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। पर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पार्टी पर लगातार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब आपने बिना किसी स्पष्ट ब्योरा के यह घोषणा की है। तेलंगाना में हुए जातिगत सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जाति जनगणना से संबंधित प्रश्नावली का डिजाइन बेहद महत्वपूर्ण है। जाति संबंधी जानकारी केवल गिनती के लिए नहीं, बल्कि व्यापक सामाजिक आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकत्र की जानी चाहिए। ऐसे में गृह मंत्रालय को जनगणना में पूछे जानेवाले प्रश्नों के लिए तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए। खरगे ने कहा कि जाति जनगणना के जो भी नतीजे आए, एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर लगाई गई 50 फीसदी की सीमा को संविधान संशोधन के जरिए खत्म करना होगा। इसके साथ उन्होंने सरकार से अनुच्छेद 15(5) को लागू करने की भी मांग की। ताकि, निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल सके।
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