निगम प्रशासन को नींद से जागना होगा: हाईकोर्ट
:::कोचिंग सेंटर हादसा::: नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोचिंग सेंटर हादसा मामले
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोचिंग सेंटर हादसा मामले में जमानत पर सुनवाई करने के दौरान निगम प्रशासन को नींद से जागने और उचित कदम उठाने को लेकर टिप्पणी की। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर 13 सितंबर को पारित आदेश में प्रशासन के रवैये पर अफसोस जताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं और गैर जिम्मेदार लोगों के कारण निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। अदालत का मानना है कि समय आ गया है कि अब प्रशासन को गहरी नींद से जागना होगा और उचित कदम उठाने होंगे। न्यायाधीश ने अदालत की वेबसाइट पर जारी आदेश में कहा, देश भर से बच्चे अपनी शिक्षा के लिए राजधानी आते हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोचिंग सेंटर मालिकों को ऐसे मासूम लोगों की कोई परवाह नहीं है। न्यायमूर्ति शर्मा ने उपराज्यपाल (एलजी) से सभी कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण करने और एक समिति नियुक्त करने का आग्रह किया, जो उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में हो। प्रस्तावित समिति से तीन महीने में रिपोर्ट मांगी गई है। अदालत ने कहा कि पहले भी अनधिकृत कोचिंग सेंटर चलाने के मुद्दे को उठाया था, लेकिन दुर्भाग्य से नागरिक अधिकारी कोई कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। अदालत ने चार बेसमेंट सह-मालिकों को रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ 30 नवंबर तक एक बार में या किश्तों में पांच करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल यह सुनिश्चित करेंगे कि धन का उपयोग छात्रों के कल्याण और कोचिंग सेंटरों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने के लिए किया जाए। साथ ही वह मृतकों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करने पर भी निर्णय ले सकते हैं।
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