दिल्ली में 'गुम' हो गईं लाडली योजना की लाखों लाभार्थी, पता लगाने WCD ने शुरू किया अभियान
- इस बारे में जानकारी देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि करीब 1.86 लाख लाभार्थी बच्चियों ने लाडली योजना के तहत मिलने वाले फायदों को लेने के लिए दावा नहीं किया है।
दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी बहुत सी लाभार्थी बच्चियां हैं, जो कि लाडली योजना का फायदा नहीं ले रही हैं। ऐसे में उनकी पहचान करने के लिए विभाग ने जिलेवार अभियान शुरू किया है। इस दौरान उन बच्चियों का पता लगाया जाएगा जो अपने हिस्से के पैसे नहीं ले रही हैं।
दिल्ली में 1 जनवरी सन् 2008 में शुरू हुई इस लाडली योजना के अंतर्गत यहां जन्म लेने वाली बालिकाओं को फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में आर्थिक मदद दी जाती है। इसके तहत अस्पताल में जन्म लेने पर 11,000 रुपए, घर में जन्म लेने पर 10,000 रुपए दिए जाते हैं, साथ ही जीवन के प्रमुख पड़ावों (कक्षा 1, 2, 6, 9 और 10 में नामांकन होने पर) पर 5,000 रुपए दिए जाते हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि करीब 1.86 लाख लाभार्थी बच्चियों ने योजना के तहत मिलने वाले इन फायदों को लेने के लिए दावा नहीं किया है, जबकि 1.66 लाख ने या तो अपने आवेदनों का नवीनीकरण नहीं कराया है या स्कूल छोड़ दिया है।
अधिकारी ने कहा कि कई बच्चियां स्कूल जाने के लिए जिला बदल लेती हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण अक्सर योजना के तहत अपना पंजीकरण नवीनीकृत नहीं कराती हैं। कुछ बच्चियां बीच में ही अपनी शिक्षा छोड़ देती हैं, जिससे नवीनीकरण प्रक्रिया और जटिल हो जाती है।
अधिकारी ने आगे कहा कि, 'इस समस्या से निपटने के लिए, दिल्ली के 11 जिलों में योजना की देखरेख करने वाले अधिकारियों को सभी लाभार्थियों की सूची बनाने और उन लोगों की पहचान करने के लिए वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिन्होंने अपने आवेदनों का नवीनीकरण नहीं कराया है।'
उन्होंने कहा, 'छात्राओं का पता लगाने के लिए ये सूचियां प्रत्येक जिले के स्कूलों को भेजी जाएंगी। यदि छात्राएं मिल जाती हैं, तो उनके नवीनीकरण की प्रक्रिया की जाएगी। यदि नहीं, तो सूचियों को आगे की ट्रैकिंग और स्कूलों के साथ समन्वय के लिए अन्य जिलों के साथ साझा किया जाएगा।'
अधिकारी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र लाभार्थियों को आवश्यक मानदंड पूरा करने के बाद योजना का लाभ मिले। इसके अतिरिक्त, लाडली शाखा मुख्यालय बजट आवंटन, अतिरिक्त निधि अनुरोधों और जिला कार्यालयों द्वारा अप्रयुक्त निधियों के समर्पण की भी देखरेख करेगा।
अधिकारी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। 2022-23 में 64,408 लाभार्थी जोड़े गए, जबकि 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 72,425 हो गई।