दिल्ली में क्यों कांग्रेस नहीं AAP के साथ है सपा, अखिलेश यादव ने बताया
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को उत्तराखंड के हरिद्वार में कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली में कांग्रेस से ज्यादा मजबूत है, इसलिए उनकी पार्टी ने 'आप' के साथ खड़े होने का फैसला किया है। हालांकि, सपा सुप्रीमो ने यह भी स्पष्ट किया कि इंडिया गठबंधन बरकरार है।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को उत्तराखंड के हरिद्वार में कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली में कांग्रेस से ज्यादा मजबूत है, इसलिए उनकी पार्टी ने 'आप' के साथ खड़े होने का फैसला किया है। हालांकि, सपा सुप्रीमो ने यह भी स्पष्ट किया कि इंडिया गठबंधन बरकरार है। अखिलेश यादव ने कहा, "इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं को भी बीजेपी के खिलाफ लड़ने वाली क्षेत्रीय पार्टी का समर्थन करना चाहिए। दिल्ली में ‘आप’ और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। ‘आप’ मजबूत है और हमने उनके साथ खड़े होने का फैसला किया है। सवाल दिल्ली का है और हमारा लक्ष्य है कि भाजपा हार जाए। कांग्रेस और ‘आप’ का भी यही लक्ष्य है।"
उन्होंने कहा, "इंडिया गठबंधन बरकरार है। मुझे याद है कि जब इंडिया गठबंधन बना था, तब यह निर्णय लिया गया था कि जहां भी कोई क्षेत्रीय पार्टी मजबूत होगी, गठबंधन उसे समर्थन देगा।"
इससे पहले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने स्वीकार किया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक “विभाजित हो जाएगा।”
एएनआई से बात करते हुए डी राजा ने कहा, "यह एक फैक्ट है कि विपक्ष विभाजित है। यह बात सभी जानते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'आप' अपने दम पर लड़ रही है, कांग्रेस अपने दम पर लड़ रही है, वामपंथी दल जहां भी लड़ने में सक्षम हैं, वहां लड़ रहे हैं और अन्य दलों में से कुछ दलों ने 'आप' को समर्थन देने की घोषणा की है। इसलिए, यह एक फैक्ट है कि इंडिया ब्लॉक विभाजित है।
कई भाजपा नेताओं ने यह भी दावा किया है कि इंडिया ब्लॉक के पास 'कोई मिशन नहीं है' और यह 'बिखरा हुआ' है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले इंडिया ब्लॉक की आलोचना करते हुए दावा किया था कि गठबंधन 'पूरी तरह से बिखर गया है', उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव और मुंबई नगर निगम चुनाव एक साथ नहीं लड़ने का उदाहरण दिया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे और मतगणना 8 फरवरी को होगी। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने पहले ही सभी 70 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। विधानसभा सीटों के लिए भाजपा ने 59 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है। नामांकन की जांच की तिथि 18 जनवरी है। उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है।
कांग्रेस दिल्ली में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है। इसके विपरीत, ‘आप’ ने 2020 के विधानसभा चुनावों में 70 में से 62 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को केवल आठ सीटें मिलीं।
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