दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे के चारों आरोपियों को HC ने दी अंतरिम जमानत, LG वीके सक्सेना से खास अपील
हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कड़ी टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने कहा, इन्होंने जो किया वह माफी लायक नहीं है और इससे इनका लालच दिखाई देता है।
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर में हुई तीन यूपीएससी छात्रों की मौत मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने बेसमेंट के चारों सह मालिकों को अंतरिम जमानत दे दी है। इसी के साथ उन्हें 5 करोड़ रुपए जमा कराने के लिए कहा गया है।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी परविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, तजिंदर सिंह अजमानी और हरविंदर सिंह को हाई कोर्ट ने 30 जनवरी तक अंतरिम जमानत दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि इन्होंने जो भी किया वह माफी के लायक नहीं है।इससे इनका लालच दिखाई देता है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी अच्छी तरीके से जानते थे कि वह जो कर रहे हैं वह खतरनाक है। कोर्ट ने चारों को 5 करोड़ रुपए रेड क्रॉस सोसायटी को देने के लिए कहा है।
एलजी वीके सक्सेनी से क्या अपील
हाई कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सकसेना से हाई कोर्ट के पूर्व जजों के तहत एक कमेटी का गठन करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी कोचिंग सेंटर मानदंडों का उल्लंघन करके संचालित न हो।
मामले पर फैसला देते हुए जस्टिस दीनेश कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार एक ऐसी जगह सरकार बनाने पर विचार कर सकती है जहां ये कोचिंग सेंटर चल सकें।
3 यूपीएससी छात्रों की डूबकर हुई थी मौत
25 जुलाई को ओल्ड राजेंद्रनगर के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक बारिश का पानी भर जाने से तीन यूपीएससी छात्रों की डूबकर मौत हो गई थी। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी थी। मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि यह लाइब्रैरी अवैध रूप से चल रही थी। कोचिंग सेंटर को जो एनओसी मिला था उसके मुताबिक बेसमेंट का इस्तेमाल केवल पार्किंग या सामान स्टोरेज के लिए किया जाना था। लेकिन इसके बावजूद यहां लाइब्रेरी बनाई गई।
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