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आनंद विहार में तो 400 के करीब AQI, दिल्ली में कहां-कितनी खराब है हवा; क्या पाबंदियां

दिल्ली में अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। राजधानी के कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण अब खराब से गंभीर श्रेणी की ओर बढ़ रहा है। पूरे शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 300 के पार है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 22 Oct 2024 11:35 AM
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दिल्ली में अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। राजधानी के कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण अब खराब से गंभीर श्रेणी की ओर बढ़ रहा है। पूरे शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) औसतन 317 हो गया है तो आनंद विहार में यह 400 के करीब पहुंच गया है। दिवाली से करीब एक सप्ताह पहले ही ग्रैप-2 की पाबंदियां लागू करनी पड़ी हैं।

मुंडका, बवाना, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, अलीपुर, अशोक विहार, आया नगर, बुराड़ी, द्वारका, मंदिर मार्ग समेत कई इलाकों में वायु गुणवत्ता गिरकर 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई। मंगलवार सुबह 8 बजे आनंद विहार में एक्यूआई 385 दर्ज किया गया, जोकि राजधानी में सर्वाधिक है। मुंडका में 368 तो बवाना में बी 353 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। पंजाबी बाग की हालत भी कुछ ऐसी ही है, यहां पीएम 2.5 का लेवल 352 तक पहुंच चुका है। अशोक विहार में 342, अलीपुर में 321, बुराड़ी में 340, द्वारका में 324, जहांगीरपुरी में 358, रोहिणी में 348, वजीरपुर में 350 एक्यूआई है।

राष्ट्रीय राजधानी के अधिकतर हिस्सों में धुंध की एक परत छाई है। हवा की गति धीमी होने और आने वाले कुछ दिनों में बारिश की संभावना नहीं होने की वजह से आशंका जाहिर की जा रही है कि राजधानी में हालात अभी ऐसे ही खराब बने रहेंगे। ऐसे में डॉक्टर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं। सांस से संबंधित रोगों के मरीजों के लिए स्थिति अधिक विकट है।

दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-2 लागू

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर के बीच ग्रैप-2 को लागू कर दिया है। इसके तहत कोयले और लकड़ी जलाने के साथ-साथ डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूर पर भी रोक लगा दी गई है। आज सुबह 8 बजे से दिल्ली के साथ पूरे एनसीआर में 11 सूत्री ऐक्शन प्लान को लागू किया गया है। इसके तहत पार्किंग शुल्क को बढ़ाने का भी प्रावधान है। सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की संख्या और फेरों में इजाफा किया जाएगा। प्रमुख चौराहों और यातायात जाम वाले स्थलों पर पर्याप्त कर्मियों की तैनाती की जाएगी। निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों की कड़ी निगरानी होगी। धूल नियंत्रण उपायों की कड़ी निगरानी सुनिश्चित किया जाएगा।

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