अरविंद केजरीवाल से मिलकर क्यों बदले उद्धव सेना के सुर, कांग्रेस के लिए एक और टेंशन
- उद्धव सेना का कहना है कि आम आदमी पार्टी तो गठजोड़ चाहती थी, लेकिन कांग्रेस ने ही उसे भाव नहीं दिया। अंत में दोनों दल अकेले चुनाव लड़े तो करारी हार हुई। अरविंद केजरीवाल और आदित्य ठाकरे के बीच हुई बातचीत के हवाले से उद्धव सेना ने यह दावा किया है।
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दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सत्ता से बेदखल हो गई है तो वहीं कांग्रेस फिर से जीरो पर ही रही। इससे दिल्ली में विपक्ष को जितना झटका लगा है, उतना ही दूसरे राज्यों में भी महसूस किया जा रहा है। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में इसके चलते दरार की स्थिति पैदा हो गई है। उद्धव ठाकरे सेना ने दिल्ली की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है। उद्धव सेना का कहना है कि आम आदमी पार्टी तो गठजोड़ चाहती थी, लेकिन कांग्रेस ने ही उसे भाव नहीं दिया। अंत में दोनों दल अकेले चुनाव लड़े तो करारी हार हुई। अरविंद केजरीवाल और आदित्य ठाकरे के बीच हुई बातचीत के हवाले से उद्धव सेना ने यह दावा किया है। संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना के लिए लिखे एक आर्टिकल में यह दावा किया है।
सवाल यह है कि कांग्रेस को लेकर उद्धव सेना का यह आक्रामक रुख क्यों है। इसकी वजह स्थानीय निकाय के चुनाव माने जा रहे हैं। कुछ समय बाद ही महाराष्ट्र में मुंबई समेत कई शहरों के निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में सीटों को लेकर खींचतान से पहले उद्धव सेना कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिश में है। एनसीपी का जनाधार मराठवाड़ा के ग्रामीण इलाकों में माना जाता है। ऐसे में स्थानीय निकाय को लेकर उद्धव सेना और कांग्रेस के बीच ही खींचतान होगी। ऐसी स्थिति में उद्धव सेना पहले ही प्रेशर पॉलिटिक्स खेलने लगी है। बीते सप्ताह ही आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
संजय राउत ने लिखा कि अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कांग्रेस तो भाजपा की बजाय उन्हें ही हराने की ज्यादा इच्छुक थी। संजय राउत ने लिखा, 'अरविंद केजरीवाल ने हमें जो जानकारी दी। वह कांग्रेस को एक्सपोज करने वाली थी। हमने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि आखिर आपने कांग्रेस के साथ चुनाव में गठबंधन क्यों नहीं किया। इस पर केजरीवाल ने कहा कि यह बात गलत है कि हमने साथ नहीं लिया। हम तो उनके साथ गठजोड़ के पूरी तरह पक्ष में थे।' अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘यह सही नहीं है। हम कांग्रेस से गठजोड़ के पक्ष में थे। मैं जब जेल में था तो हरियाणा के चुनाव हुए थे। हरियाणा चुनाव की कमान संभाल रहे राघव चड्ढा मुझसे जेल में मिलने आए तो मैंने कांग्रेस के साथ गठजोड़ की बात की और कहा कि आप सीटों पर फैसला लें।’
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने हरियाणा की 14 सीटों की सूची कांग्रेस को दी, जो हम लड़ना चाहते थे। फिर राहुल गांधी से वार्ता हुई और कांग्रेस ने 6 सीटें देने पर ही सहमति जताई। राघव ने जब यह बात मुझे कही तो मैंने कहा कि 6 सीटों पर ही राजी हो जाएं। इसके बाद फिर जब संपर्क साधा गया तो राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल से बात करने को कहा। जब वेणुगोपाल से बात की गई तो वह 4 सीट पर आ गए और दीपक बाबरिया से बात करने को कहा। राघव ने फिर मुझसे मुलाकात की तो मैंने 4 सीटों पर ही राजी होने को कह दिया। इसके बाद कांग्रेस 2 सीट पर ही आ गई। हम 2 पर राजी हुए तो वे सीटें भाजपा के गढ़ वाली दी जाने लगीं। फिर हमने अलग रास्ता अपना लिया। केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस की इच्छा यही रही कि भाजपा की बजाय पहले हमें ही हरा दिया जाए, जबकि मैं मोदी से लड़ रहा हूं।