विधायक भास्कर जाधव ने रत्नागिरी जिले में चिपलून और आसपास के क्षेत्रों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा, 'यह कहते हुए दुख होता है, लेकिन हमारी पार्टी की हालत कांग्रेस जैसी हो गई है।
उद्धव सेना ने तो अपने मुख पत्र सामना में संपादकीय लिखकर कांग्रेस को 'अटल नसीहत' दी है। उद्धव सेना का कहना है कि कांग्रेस बिलकुल भी संवाद नहीं कर रही है और INDIA अलायंस एकदम ठंडा पड़ा है। उद्धव सेना ने कहा कि इन्हीं हालातों में उमर अब्दुल्ला को कहना पड़ा कि INDIA अलायंस लोकसभा चुनाव तक के लिए ही था।
उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य सरकार से यह भी अपील की कि किसी भी हालत में उद्धव ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे के स्मारक के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। उस स्मारक का उद्धव ठाकरे से कोई संबंध नहीं रहना चाहिए।
नागपुर में एक इंटरव्यू के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था कि पहले उद्धव ठाकरे हमारे मित्र थे। फिर राज ठाकरे हमारे मित्र बने। राज अभी भी मित्र हैं, और उद्धव ठाकरे कोई दुश्मन नहीं हैं।
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने संकेत दिए हैं कि जो हाल दिल्ली में देखा जा रहा है, वैसा मुंबई में भी हो सकता है। खास बात है कि BMC चुनाव कुछ समय में होने हैं।
पुणे से पांच पूर्व पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में पांचों ने भाजपा ज्वाइन की। इनमें विशाल धनावडे, बाला ओसवाल, संगीता थोसार, पल्लवी जवाले और प्राची अल्हट का नाम शामिल है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बीआर आंबेडकर पर की गई टिप्पणी की निंदा की है। ममता ने इसे भाजपा की जातिवादी...
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की डॉ. आंबेडकर पर की गई टिप्पणी की निंदा की है। बनर्जी ने इसे भाजपा की जातिवादी...
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे भी अमित शाह पर हमलावर हैं। उन्होंने बुधवार को होम मिनिस्टर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को उनके खिलाफ ऐक्शन लेना चाहिए या फिर वह सत्ता ही छोड़ दें।
इसके साथ ही उद्धव ने कहा कि अगर लोगों को EVM पर संदेह है तो उसे दूर किया जाना चाहिए। एक बार बैलेट पेपर से मतदान होने दें। अगर उन्हें उतना ही वोट मिलता है तो उसके बाद कोई सवाल नहीं करेगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की है। इस मुलाकात ने राजनीतिक चर्चाओं को तेज कर दिया है।
दरअसल, रविवार को उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के भांजे शौनक पातंकर की शादी में राज पहुंचे थे। इसके साथ ही अटकलें शुरू हो गईं कि दोनों भाई सियासी मैदान में हाथ मिला सकते हैं।
महाराष्ट्र चुनाव में करारी हार के बाद शिवसेना (उबाठा) हिंदुत्व के एजेंडे पर वापसी कर रही है। उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने के लिए 80 साल पुराने हनुमान मंदिर में ‘महा आरती’ की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दादर स्टेशन के बाहर हनुमान मंदिर को गिराने के लिए रेलवे द्वारा जारी नोटिस का उल्लेख करते हुए कहा कि 80 साल पुराने मंदिर को गिराने के लिए 'फतवा' जारी किया गया है।
विशेष सत्र आज यहां सुबह 11 बजे शुरू हुआ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा अजित पवार सहित सत्तारूढ़ दलों के कई सदस्यों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली।
अबू आजमी ने 6 दिसंबर को शिवसेना (UBT) द्वारा सोशल मीडिया पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के पक्ष में पोस्ट किए गए संदेश को लेकर गहरी नाराजगी जताई।
288 विधानसभा सीटों में से 230 महायुति के खाते में आईं थी। जबकि, शिवसेना यूबीटी 20, कांग्रेस 16 और सीनियर नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी एसपी महज 10 सीटों पर ही जीत सकी थी।
शिवसेना के एक पदाधिकारी का कहना है कि निकाय चुनावों के लिए 18 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। साथ ही खबर है कि अगले सप्ताह तक उद्धव ने नेताओं से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
भाजपा-नेतृत्व वाली महायुति ने 288 में से 230 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया, जबकि कांग्रेस, शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना वाले एमवीए गठबंधन ने केवल 46 सीटें ही जीतीं।
बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के खिलाफ जाने का आरोप लगे थे। इसके बाद 2024 का लोकसभा चुनाव हुआ तो उद्धव सेना को ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन कांग्रेस को बड़ा फायदा हुआ। अब विधानसभा चुनाव में भी उद्धव सेना को झटका लगा है। उसके 20 विधायक ही जीते हैं, जबकि एकनाथ शिंदे के 57 विधायकों को जीत मिली है।
Maharashtra CM: नतीजों का ऐलान शनिवार को हो चुका है, जिसमें महायुति ने बंपर जीत दर्ज की थी। हालांकि, अब तक शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच मुख्यमंत्री को लेकर सहमति नहीं बनी है।
महाविकास अघाड़ी में शिवसेना (UBT), शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं। लेकिन चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के नेताओं के बीच असहमति बढ़ती दिख रही है।
चुनाव से पहले जहां माना जा रहा था कि एकनाथ शिंदे ही राज्य की दोबारा कमान संभालेंगे, लेकिन बुधवार को शिंदे ने प्रेस कांफ्रेस में साफ कर दिया कि उन्हें भाजपा के मुख्यमंत्री से कोई आपत्ति नहीं है।
मुंबई, एजेंसी। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी
शिवसेना (यूबीटी) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को याद दिलाया कि उन्होंने कहा था कि अगर उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनका समर्थन करने वाला विधायक हारेगा तो वे राजनीति छोड़ देंगे। हालिया विधानसभा चुनावों में उनके...
उद्धव सेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा कि आपके साथ बागी हुए कई नेता हार गए हैं। आपने कहा था कि चुनाव में यदि कोई भी बागी हारा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। क्या आप अब राजनीति छोड़ेंगे? इसके साथ ही सामना में उन नेताओं की लिस्ट छापी गई है, जो 2022 में बागी हुए थे, लेकिन चुनाव में पराजित हो गए।
पार्टी का नाम और सिंबल पहले ही खो चुके उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे गुट ने नई टेंशन दी है। शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावाले का कहना है कि उद्धव ठाकरे के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं और साथ आना चाहते हैं। माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे गुट के इस दावे के बाद उद्धव सेना अलर्ट हो गई है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे चुनाव नतीजों से पहले खुद को किंगमेकर के तौर पर देख रहे थे। उनका कहना था कि इलेक्शन के बाद भाजपा सरकार बनाएगी और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे। इसके साथ ही हम सरकार में किंगमेकर की भूमिका में रहेंगे। इसे उनकी महत्वाकांक्षा के तौर पर देखा गया था।
महाराष्ट्र में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया और 149 सीटों में से 132 सीटें जीतीं। वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 सीटों पर जीत हासिल की और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं।
भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मजबूत प्रदर्शन ने एमवीए को न केवल सरकार बनाने से रोका, बल्कि अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी खाली रहने की संभावना है।