ट्रंप के शपथग्रहण समारोह में जयशंकर को क्यों मिली पहली पंक्ति में जगह, विदेश मंत्री ने खुद बताया
- जयशंकर ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि ट्रंप सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान स्थापित किए गए बुनियादी ढांचे पर काम करने के लिए दोनों देश तैयार हैं। वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच बहुत मजबूत विश्वास और हितों का उच्च स्तर पर मेल है।
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डोनाल्ड ट्रंप जब दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले रहे थे तब भारत की मौजूदगी काफी असरदार रही। भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर को पहली पंक्ति में बिठाया गया था। विदेश मंत्री से जब इसके बारे में पूछा तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत को स्वाभाविक रूप से बहुत अच्छे तरीके से सम्मानित किया जाता है।"
आपको बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर शपथग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया और डोनाल्ड ट्रंप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र सौंपा। इस कदम को उन्होंने ट्रंप प्रशासन की भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की तत्परता का प्रतीक बताया। जयशंकर ने कहा, “एक बात तो साफ थी कि ट्रंप प्रशासन भारत को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल करने के लिए उत्सुक था। वे द्विपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता दे रहे हैं।”
वाशिंगटन में तीन दिन की अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने उच्च-स्तरीय बैठकों में भाग लिया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी उन्होंने की। इसके अलावा, उन्होंने नई ट्रंप प्रशासन के तहत पहले क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लिया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के उनके समकक्ष नेता भी शामिल थे।
जयशंकर ने कहा, “स्पष्ट रूप से दोनों पक्षों के बीच रिश्तों को आगे बढ़ाने की एक मजबूत इच्छा है।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन वार्ता हुई थी। उन्होंने पिछले महीने NSA से शुरूआत की थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि रिश्ते किस दिशा में जा रहे हैं।
जयशंकर ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि ट्रंप सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान स्थापित किए गए बुनियादी ढांचे पर काम करने के लिए दोनों देश तैयार हैं। वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच बहुत मजबूत विश्वास और हितों का उच्च स्तर पर मेल है। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार और ट्रंप प्रशासन दोनों ही दुनिया को अपनी राष्ट्रीय हितों और विश्वास के साथ देख रहे हैं।"
जयशंकर ने अमेरिकी वीजा प्रक्रिया में देरी के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा, “अंततः ये वीजा देरी व्यापार को प्रभावित करती हैं, पर्यटन पर असर डालती हैं और लोगों के बीच संपर्कों को सीमित करती हैं।” उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को अपनी आपसी विश्वास को एक वास्तविक साझेदारी में बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हमें साहसी होना होगा, हमें बड़ा सोचना होगा, और हमें अधिक महत्वाकांक्षी होना होगा।”