पीएम मोदी ने 'X' पर दोनों नेताओं की तस्वीरें साझा करते हुए एक ‘पोस्ट’ में कहा, 'ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो से मिलकर प्रसन्नता हुई।
कोविड महामारी के कारण 2020 में भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें बंद कर दी गई थीं, जो अब तक बहाल नहीं हुई हैं। उसी साल कैलाश मानसरोवर यात्रा भी रोक दी गई थी।
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में G-20 सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान कई अहम पहलुओं को लेकर चर्चा हुई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के संबंधों को लेकर कहा कि डिसइंगेजमेंट का मतलब सिर्फ डिसइंगेजमेंट होता है। वहीं उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया राजनीतिक स्थिरता के लिए भारत की ओर देख रही है।
जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ हमारे अच्छे संबंध हमें एक ऐसा देश बनने की क्षमता देते हैं जो रूस और यूक्रेन दोनों से बात कर सकता है और उनके बीच संवाद की संभावनाएं तलाश सकता है।
जयशंकर ने कहा कि भारत ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में रूस की बढ़ती रुचि को देखा है और इससे दोनों पक्षों के बीच संयुक्त उद्यमों तथा अन्य प्रकार के सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हम 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार लक्ष्य हासिल कर लेंगे.. बल्कि इससे पहले ही।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'मुझे उनके साथ काम करके मजा आया, क्योंकि वह फैसले लेते हैं और आपको काम करने की छूट देते हैं। यूक्रेन संकट के दौरान उन्होंने फैसला लिया कि हमें लोगों को बाहर निकालना है। जो भी हो करो…।
jaishankar about usa: अमेरिका में आए चुनावी नतीजों के ऊपर अपनी राय रखते हुए जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि इन बदलावों से भारत को मदद मिलेगी। मैं जानता हूं कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने से आज कई देश घबराए हुए हैं लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि ऐसा भारत के साथ बिलकुल भी नहीं है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान एस जयशंकर ने भारत के पुराने रुख को दोहराते हुए कहा कि खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा बिना किसी ठोस सबूत के आरोप लगा रहा है।
याकूब ने पहले भी भारत के साथ मजबूत संबंधों की उम्मीद जताई है, जिससे रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है। तालिबान भारत पर दबाव डालता रहा है कि वह नई दिल्ली में अफगान दूतावास में तालिबान विदेश मंत्रालय के एक राजनयिक की नियुक्ति की अनुमति दे।
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई थी। जयशंकर ने कहा कि प्राथमिकता सैनिकों को पीछे हटाने के तरीके खोजने की रही है।
यह ऑस्ट्रेलिया में भारत का चौथा वाणिज्य दूतावास है। ब्रिस्बेन के अलावा सिडनी, मेलबर्न और पर्थ में भी भारत के वाणिज्य दूतावास हैं। विदेश मंत्री ने सोमवार को ब्रिस्बेन के ‘रोमा स्ट्रीट पार्कलैंड्स’ में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
एस जयशंकर ने कहा, 'हम दुनिया भर में भारत की सफलता के प्रति एक भावना देखते हैं और यह महत्वपूर्ण है कि हम उस भावना का उपयोग करें।' उन्होंने कहा, ‘आज विदेश में भारतीयों की छवि बेहतर तौर पर शिक्षित, व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार है…’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों की वापसी पर कहा कि यह कदम स्वागत योग्य है और इस समझौते ने और रास्ते खोल दिए हैं। जयशंकर ने रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध पर भी बात की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सैन्य नेतृत्व से तेजी से उभरते भू-राजनीतिक खतरों और अवसरों के लिए तैयार रहने का आग्रह किया। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब एलएसी से सैनिकों की वापसी अंतिम चरण में है।
विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन का जिक्र करते हुए कहा कि अगला कदम तनाव कम करना है, जो तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में, भारत ने घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में LAC पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है।
Jaishankar: विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करना हमारा अगला कदम होगा। हालांकि यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक की भारत इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हो जाता कि चीन भी यही चाहता है।
जयशंकर ने कहा कि हमें एकदम स्पष्ट रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'हम आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो-टॉलरेंस' की बात करते हैं। इसका मतलब है कि अगर किसी ने कुछ किया तो प्रतिक्रिया होगी।'
पुणे में छात्रों के साथ संवाद करते हुए जयशंकर ने कहा कि संबंधों के सामान्य होने में अभी समय लगेगा, क्योंकि विश्वास और सहयोग को दोबारा स्थापित करना लंबी प्रक्रिया है।
पाकिस्तान ने बताया कि जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के बीच कुछ अनौपचारिक बातचीत हुई, लेकिन द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के कोई संकेत नहीं मिले।
रूस के कज़ान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बोलते हुए डॉ. जयशंकर ने मिडिल ईस्ट में चल रहे तनाव पर कहा है कि यह वैश्विक चिंता का विषय है। उन्होंने बातचीत के जरिए संघर्ष को खत्म करने की वकालत की है।
Jaishankar : विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा भारतीय राजनयिकों के साथ जैसा व्यवहार कर रहा था उसके लिए दोहरा मापदंड भी बहुत छोटा शब्द है। कनाडाई सरकार की बातों से ऐसा लगता है कि उन्हें भारतीय राजनयिकों द्वारा यह पता लगाने में समस्या है कि भारत के संबंध में वहां क्या हो रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एलएसी पर स्थिति मई 2020 से पहले जैसी हो गई है। इस सहमति को हम दोनों देश काफी पॉजिटिव रूप से देख रहे हैं। अब देखना यह है कि भविष्य में यह कितना आगे तक जाता है।
कमर चीमा ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने कश्मीर का राग अलापा होता तो भारतीय विजेश मंत्री जयशंकर वहीं उसका करारा जवाब दे देते। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति आती तो भारतीय मीडिया उस मुद्दे को वहीं से ग्लोबलाइज कर सकती थी।
बता दें कि अपनी पाक यात्रा के दौरान जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष व नवाज शरीफ के करीबी इशाक डार से भी मुलाकात की। हालांकि दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को SCO सरकार प्रमुखों की 23वीं बैठक में भाग लिया। जयशंकर 2012 के बाद पाकिस्तान की यात्रा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बने।
ये पहली बार नहीं है। इससे पहले अतीत में भी भारत ने SCO बैठकों के बाद जारी संयुक्त दस्तावेजों में OBOR या बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का समर्थन करने से परहेज किया है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस्लामाबाद में आयोजित एससीओ देशों के शासन प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) के 23वें शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
शंघाई सहयोग संगठन की मीटिंग के लिए इस्लामाबाद पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को उसकी ही धरती पर खूब सुनाया है। विदेश मंत्री ने कहा कि यदि आतंकवाद जारी रहेगा तो फिर कारोबार को प्रोत्साहन नहीं दिया जा सकता।
पारंपरिक ड्रेस पहने बच्चों ने जयशंकर को गुलदस्ते भेंट किए और उनके साथ फोटो भी क्लिक कराए। इससे पहले कई अन्य देशों के प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री पाकिस्तान पहुंचे।