एस जयशंकर ने कहा, 'जब तक हम ह्यूमन रिसोर्स डेवलप नहीं करते हैं, तब तक कड़ी मेहनत करनी होती है। इसलिए जीवन खटाखट नहीं है। जिंदगी कड़ी मेहनत है। जीवन परिश्रम है।'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वह काफी दिलचस्प लम्हा था क्योंकि एक तरफ वह उस टीम का हिस्सा थे जो विमान अपहरण का मामला सुलझा रहा था और दूसरी तरफ वह उस परिवार का भी हिस्सा थे, जो सरकार पर सभी अपहृतों को सकुशल मुक्त कराने का दबाव बना रहे थे।
वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 27 प्रतिशत का योगदान देने वाले ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत और चीन द्वारा की गई थी।
इससे पहले दिन में, जयशंकर जिनेवा पहुंचे और अपनी यात्रा की शुरुआत महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देकर की। इस यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री स्विस विदेश मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोर देते हुए कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता और रूस एवं यूक्रेन को बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि वे सलाह चाहते हैं, तो भारत सलाह देने का सदैव इच्छुक है।
आपको बता दें कि 2020 में घातक गलवान संघर्ष के बाद से ही दो परमाणु-सशस्त्र एशियाई दिग्गजों के बीच संबंध खराब चल रहे हैं। भारत ने इसके बाद चीनी कंपनियों के निवेश पर अपनी जांच कड़ी कर दी और प्रमुख परियोजनाओं को रोक दिया है
जीसीसी मीटिंग के लिए रियाद पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खाड़ी देशों के सामने गाजा में चल रहे भीषण नरसंहार पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गाजा में वर्तमान स्थिति भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता है।
विदेश मंत्री जयशंकर भारत- खाड़ी सहयोग परिषद के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रियाद पहुंचे हैं। खाड़ी सहयोग परिषद यानी गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल(GCC) भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण समूह है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर है। उन्होंने क्वाड को इसका उदाहरण बताया। जयशंकर ने अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा...
विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में भूमध्यसागरीय क्षेत्र के देशों के साथ भारत के संबंधों में खास प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पिछले साल भूमध्यसागरीय क्षेत्र में भारतीय व्यापार का स्तर 77.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर दौरे से भारत और सिंगापुर के द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तर पर ले जाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के संबंध...
भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने अपने समकक्ष को दीं शुभकामनाएं कहा, भारत-उज्बेकिस्तान संबंधों को
चीन से आने वाले निवेशों पर चिंता जताते हुए जयशंकर ने कहा कि सरकार की यह स्थिति कभी नहीं रही कि हमें चीन से निवेश नहीं लेना चाहिए या चीन के साथ व्यापार नहीं करना चाहिए। लेकिन निवेश के मामले में यह सामान्य समझ है कि चीन से आने वाले निवेशों की जांच की जानी चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आर्टिकल 370 अब इतिहास की बाद है, वह अब खत्म हो चुका है। चीन हमारे लिए एक दोहरी पहेली है, क्योंकि वह हमारा पड़ोसी है और एक महाशक्ति भी।
जयशंकर ने कहा कि राजीव ने अपनी किताब में सुझाव दिया है कि शायद भारत मौजूदा स्तर के संबंधों को जारी रखने से संतुष्ट है। शायद हां, शायद नहीं... हम निष्क्रिय नहीं हैं, और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में जाएं, हम उस पर प्रतिक्रिया करेंगे।
यूक्रेन जाने से पहले पीएम मोदी ने रूस का भी दौरा किया था। इस दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के गले लगने की तस्वीरें खूब चर्चा में रही थीं।
उन्होंने महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में दायरे को और व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुवैत के प्रधानमंत्री और युवराज से मुलाकात की। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए चर्चा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति की शुभकामनाएं...
भारत ने बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और संयुक्त राष्ट्र के जरिये इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में असमर्थता के कारण हो रहे नुकसान को रेखांकित किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने...
नई दिल्ली में आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में सुधार की सख्त जरूरत पर जोर दिया। 120 से अधिक देशों ने भाग लिया और बहुपक्षीय संस्थानों...
पिछले साल नवंबर में चीन समर्थक मुइज्जू के शपथ लेने के बाद से कई महीनों से चली आ रही कटुता के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर की तीन दिवसीय यात्रा के बाद हाल ही में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हुआ है।
नई दिल्ली में ग्लोबल साउथ सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की वकालत की और विकासशील देशों को कम लागत वाले वित्तपोषण एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां प्रदान करने का...
जानकार बता रहे हैं कि चीन की तरफ झुकाव रखने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का बदला हुआ रूप सामने आया है लेकिन माले ने यह यू-टर्न अचानक नहीं लिया है बल्कि इसके पीछे 9 महीने का घटनाक्रम और परिस्थितियां जिम्मेदार हैं, जिसकी वजह से मुइज्जू शासन बेबस हो चला था।
India Maldives: सोशल मीडिया के कई अकाउंट्स पर दावा किया गया कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के 28 द्वीपों को भारत को सौंपने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जानिए इस वायरल दावे की सच्चाई...
विदेश मंत्री का इशारा लोकसभा चुनाव 2024 में अमेरिकी टिप्पणियों की ओर तरफ था। भारत में आम चुनाव के दौरान अमेरिका ने धार्मिक मुद्दे को लेकर बयान दिया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया में लगातार सामने आ रही भयानक तस्वीर को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच ढाई साल से युद्ध चल रहा है। इस बीच मध्य पूर्व, दक्षिण-पूर्व एशिया में सैन्य तनाव, आर्थिक चुनौतियां और जलवायु परिवर्तन की घटनाएं बेहद खतरनाक हैं।
एस जयशंकर से मुलाकात के बाद अब्दुल्ला शाहिद ने एक्स पर पोस्ट किया, 'मालदीव को हमेशा इस बात का विश्वास रहा है कि जब भी वह इंटरनेशनल नंबर 911 डायल करेगा तो भारत पहला उत्तरदाता होगा।'
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शनिवार को भारत के साथ घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।
जयशंकर मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। पिछले साल चीन समर्थक मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद यह भारत की ओर से मालदीव की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का मालदीव दौरा चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करने के लिए भारत की सॉफ्ट पॉलिसी का मास्टरस्ट्रोक है। इस यात्रा में रक्षा, सुरक्षा और डिजिटल सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।