डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में क्वाड देशों के विदेश मंत्री उपस्थित रह सकते हैं। इसके अलावा क्लाड के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक भी हो सकती है।
जयशंकर ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है, जो रूस, यूक्रेन, इजरायल और ईरान से बात करने की स्थिति में है। उन्होंने यह बात वैश्विक संघर्षों को समाप्त करने में भारत की संभावित भूमिका पर कही।
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी न्यौता दिया गया है। समारोह के लिए अभी तक करीब 170 मिलियन डॉलर का चंदा मिल चुका है, जो कि अपने आप में रिकॉर्ड है।
ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन शुरू हो गया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अनिवासी भारतीयों से भारत के विकास में योगदान देने की अपील की। उन्होंने युवाओं को भारत की समृद्ध...
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के उद्घाटन से पहले ओडिशा के कोणार्क और पुरी में प्रसिद्ध मंदिरों का दौरा किया। यह कार्यक्रम भुवनेश्वर में तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें दुनियाभर...
जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए गए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में हमारी भागीदारी बढ़ी है और भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यू ऑरलियंस में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ...
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और पिछले चार वर्षों में भारत-अमेरिका साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। जयशंकर ने विश्वास जताया कि ये संबंध वैश्विक कल्याण के...
जयशंकर अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे, जो नई दिल्ली और निवर्तमान बाइडेन प्रशासन के बीच अंतिम मुलाकात हो सकती है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहाकि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर ‘वीटो’ लगाने की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहाकि भारत बिना किसी डर के वह सब-कुछ करेगा जो देश और दुनिया के लिए अच्छा होगा।
अपने संबोधन में जयशंकर ने कहा, ‘जब हम विदेश नीति बदलने की बात करते हैं, अगर नेहरू के बाद की बात होती है, तो इसे राजनीतिक हमले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।’
S. Jaishankar in Loksabha: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं लेकिन यह आतंक के साथ संंभव नहीं है। गेंद पाकिस्तान के पाले में है।
Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संसद में बांग्लादेशी हिंदुओं के मुद्दों पर जवाब दिया। हैदराबाद सांसद ओवैसी के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि हम लगातार इस मुद्दे पर अपना ध्यान बनाए हुए हैं। हमने इस मामले में अपनी चिंता को पड़ोसी देश की सरकार के साथ भी साझा किया है।
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीदना भारत के लिए कोई सस्ता सौदा नहीं है, बल्कि यह देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की एक आवश्यकता है।
S Jaishankar: विदेश मंत्री जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप की 100 प्रतिशत टैरिफ वाली धमकी को लेकर अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। हमें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। भारत अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखता है।
जयशंकर ने कहा कि पहले, भारत ने 26/11 का जवाब नहीं दिया। लेकिन अब हमने उरी और बालाकोट हमलों के साथ पाकिस्तान को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि आज का भारत सिर्फ आगे बढ़ना जानता है।
राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और इजरायल के संबंधों पर प्रतिक्रिया दी है। जयशंकर ने यह भी कहा है कि आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के लोकसभा में वक्तव्य के बाद सरकार से पूछा कि चीन से लगती सीमा की स्थिति अप्रैल 2020 कब बहाल होगी। सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री से चीन का नाम न लेने पर सवाल...
जयशंकर ने लोकसभा में जानकारी दी कि भारत-चीन के संबंधों में सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि हालिया सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के जरिए सीमा विवाद सुलझाए गए हैं।
जयशंकर ने अमेरिका-चीन विवाद और यूक्रेन संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि ग्लोबल साउथ महंगाई, कर्ज, मुद्रा की कमी और व्यापार में अस्थिरता का सामना कर रहा है।
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय इतिहास ने टीपू सुल्तान के ब्रिटिशों के साथ युद्धों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, जबकि उनके शासन के अन्य पहलुओं की अनदेखी की गई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहाकि युद्ध के मैदान में किसी को कोई समाधान नहीं मिलने वाला है। रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष की बात करें, तो लोग किसी न किसी स्तर पर बातचीत की मेज पर आएंगे।
पीएम मोदी ने 'X' पर दोनों नेताओं की तस्वीरें साझा करते हुए एक ‘पोस्ट’ में कहा, 'ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो से मिलकर प्रसन्नता हुई।
कोविड महामारी के कारण 2020 में भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें बंद कर दी गई थीं, जो अब तक बहाल नहीं हुई हैं। उसी साल कैलाश मानसरोवर यात्रा भी रोक दी गई थी।
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में G-20 सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान कई अहम पहलुओं को लेकर चर्चा हुई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के संबंधों को लेकर कहा कि डिसइंगेजमेंट का मतलब सिर्फ डिसइंगेजमेंट होता है। वहीं उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया राजनीतिक स्थिरता के लिए भारत की ओर देख रही है।
जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ हमारे अच्छे संबंध हमें एक ऐसा देश बनने की क्षमता देते हैं जो रूस और यूक्रेन दोनों से बात कर सकता है और उनके बीच संवाद की संभावनाएं तलाश सकता है।
जयशंकर ने कहा कि भारत ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में रूस की बढ़ती रुचि को देखा है और इससे दोनों पक्षों के बीच संयुक्त उद्यमों तथा अन्य प्रकार के सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हम 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार लक्ष्य हासिल कर लेंगे.. बल्कि इससे पहले ही।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'मुझे उनके साथ काम करके मजा आया, क्योंकि वह फैसले लेते हैं और आपको काम करने की छूट देते हैं। यूक्रेन संकट के दौरान उन्होंने फैसला लिया कि हमें लोगों को बाहर निकालना है। जो भी हो करो…।
jaishankar about usa: अमेरिका में आए चुनावी नतीजों के ऊपर अपनी राय रखते हुए जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि इन बदलावों से भारत को मदद मिलेगी। मैं जानता हूं कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने से आज कई देश घबराए हुए हैं लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि ऐसा भारत के साथ बिलकुल भी नहीं है।