Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court Pulls up Haryana AAG For Handcuffing and Chaining An Accused To Bed In ICU

ICU में भर्ती शख्स को क्यों लगाई हथकड़ी, चेन से भी बांधा; SC जज ने राज्य सरकार की लगा दी क्लास

इस मामले में कोर्ट ने 4 अक्तूबर को पीजीआई रोहतक के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। 19 अक्टूबर को सौंपे अपने हलफनामे में मेडिकल सुप्रिटेंडेंट ने ICU में हथकड़ी लगाए जाने की पुष्टि की है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 23 Oct 2024 11:05 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में आरोपी शख्स को ICU में हथकड़ी लगाने और उसे बेड से एक जंजीर में बांधने पर सख्त नाराजगी जताई है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और कहा कि यह तो संविधान के अनुच्छेद 21 का घोर उल्लंघन है। पीठ ने हरियाणा सरकार की तरफ से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक ठुकराल से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।

पीठ ने ठुकराल से पूछा, "आपका इस पर क्या स्पष्टीकरण है? यह अनुच्छेद 21 का घोर उल्लंघन है। हलफनामे में दर्ज है कि ICU में भर्ती होने के दौरान उसे हथकड़ी लगाई गई थी। आप इसे कैसे उचित ठहराते हैं?" कोर्ट ने ठुकराल से ये भी बताने को कहा है कि ऐसी अमानवीय हरकत के लिए कौन सा अधिकारी जिम्मेदार था।

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट मामले में आरोपी विहान कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। विहान ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। विहान ने अपनी याचिका में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट की याचिका में उसने आरोप लगाया है कि जब वह पीजीआई रोहतक के ICU में भर्ती था, तब उसे धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में हथकड़ी लगाई गई थी और उसे चेन से भी बेड से बांधकर रखा गया था।

इस मामले में कोर्ट ने 4 अक्तूबर को पीजीआई रोहतक के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। 19 अक्टूबर को सौंपे अपने हलफनामे में मेडिकल सुप्रिटेंडेंट ने ICU में हथकड़ी लगाए जाने की पुष्टि की है। इस हलफनामे को देखते हुए जस्टिस ओका ने कहा कि यह तो संविधान के अनुच्छेद 21 का घोर उल्लंघन है। कोर्ट ने एएजी से पूछा कि इस तरह की हरकतों को कैसे उचित ठहराया जा सकता है और यह जानने की मांग की कि इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है।

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हालांकि, हरियाणा के AAG दीपक ठुकराल ने दावा किया कि आरोपी की हथकड़ी तब हटा दी गई थी जब उसे पेशाब करने के लिए बाथरूम जाने की जरूरत थी। ठुकराल ने ये भी कहा कि हथकड़ी का इस्तेमाल केवल कुछ समय के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में निर्देश लेंगे कि अस्पताल में कौन संबंधित अधिकारी मौजूद था। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि आरोपी को पूरी रात बिस्तर पर जंजीर से बांध कर रखा गया था।

जस्टिस ओका ने इस पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि अगर आरोपी को बिस्तर पर जंजीरों से बांधा गया था, तो यह अनजाने में किया गया कृत्य नहीं होगा लेकिन सवाल यह है कि आरोपी को चेन से बांधने की आवश्यकता क्यों पड़ी? उन्होंने आगे पूछा कि अस्पताल के हलफनामे में आरोपी को बिस्तर पर जंजीरों से बांधने का उल्लेख क्यों नहीं किया गया था। हालांकि, सुनवाई के दौरान अस्पताल के वकील ने स्वीकार किया कि आरोपी को बिस्तर पर जंजीरों से बांधा गया था। कोर्ट ने पूछा कि आखिर अस्पताल पुलिस को क्यों बचाना चाहता है।

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