Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court slams Finance Ministry over seeking data from Debts recovery appellate tribunals

वो जूडिशियल अफसर हैं, आपके कर्मचारी नहीं; क्यों मांगा उनसे डेटा? वित्त मंत्रालय पर भड़का सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा, ‘‘आप न्यायिक कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वे आपके अधीनस्थ हों। हम सरकार से माफी की उम्मीद करते हैं। तीन दिनों के भीतर इतने बड़े पैमाने पर डेटा एकत्र करने की मांग की गई है।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीMon, 21 Oct 2024 10:31 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (DRT) के आदेशों के आधार पर वसूली गई राशि के बारे में इन न्यायाधिकरणों से डेटा मांगने पर सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय की खिंचाई की और स्पष्टीकरण मांगा। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि मंत्रालय डीआरटी के न्यायिक कर्मचारियों को अपने अधीनस्थों के रूप में नहीं मान सकता और न्यायाधिकरणों को इतने कम समय में इतना बड़ा डेटा एकत्र करने के लिए कहने पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘आप न्यायिक कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वे आपके अधीनस्थ हों। हम सरकार से माफी की उम्मीद करते हैं। तीन दिनों के भीतर इतने बड़े पैमाने पर डेटा एकत्र करने की मांग की गई है। यदि आप चाहते हैं कि डेटा एकत्र किया जाए, तो डीआरटी द्वारा अपेक्षित अतिरिक्त कर्मचारी उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनमें से कुछ न्यायिक अधिकारी हैं, आप उन्हें अधीनस्थों के रूप में मान रहे हैं।’’

शीर्ष अदालत ने डीआरटी द्वारा इस तरह की कवायद करने पर आश्चर्य व्यक्त किया। पीठ ने कहा, "संबंधित विभाग के सचिव इस न्यायालय के आदेशों और रिकॉर्ड पर मौजूद अन्य सामग्री पर विचार करने के बाद पूरे मामले की पड़ताल करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उचित हलफनामा दायर किया जाए।"

शीर्ष अदालत वकीलों की हड़ताल के कारण न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित एक आवेदन के स्थगन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायालय ने विशाखापत्तनम बार एसोसिएशन के खिलाफ अदालती काम से दूर रहने के लिए अवमानना ​​नोटिस जारी किया था, जिसके कारण डीआरटी का कामकाज नहीं हो पाया।

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