Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court Justice Abhay S Oka get angry by multiple lawyers making submissions says will throw away the files

तंग आ चुका हूं, फेंक दूंगा सब फाइल... बीच सुनवाई वकीलों पर क्यों भड़क गए मीलॉर्ड?

जस्टिस ओका ने कहा कि हम हर रोज इस तरह की अनुशासनहीनता देखते हैं... और जब हम वकीलों से पूछते हैं कि वे किसके लिए पेश हो रहे हैं, तो उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 28 Feb 2025 02:54 PM
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तंग आ चुका हूं, फेंक दूंगा सब फाइल... बीच सुनवाई वकीलों पर क्यों भड़क गए मीलॉर्ड?

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस अभय एस ओका शुक्रवार (28 फरवरी) को कोर्ट रूम में सुनवाई के बीच तब भड़क गए, जब एक साथ कई वकीलों ने बोलना शुरू कर दिया और अपनी-अपनी दलीलें पेश करनी शुरू कर दीं। इसे देखते हुए जस्टिस ओका ने वकीलों को शांत रहने और बारी-बारी से दलीलें देने को कहा लेकिन वकील इस पर भी बाज नहीं आए। यह देखकर जस्टिस ओका वकीलों पर भड़क गए और बोल पड़े कि वह इस तरह की अनुशासनहीनता देख-देख कर तंग आ गए हैं।

जस्टिस ओका ने कहा, “हम हर रोज इस तरह की अनुशासनहीनता देखते हैं... और जब हम वकीलों से पूछते हैं कि वे किसके लिए पेश हो रहे हैं, तो उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता।” जस्टिस ओका ने इसके बाद मौखिक रूप से टिप्पणी की कि यही जारी रहा तो मैं सारी फाइलें फेंक दूंगा। उन्होंने कहा कि कोर्टरूम में एक नियम लागू किया जाना चाहिए कि अगर वकील एक ही समय में बहस करते रहेंगे, तो हम उनकी फाइलें फेंक देंगे।"

इसी बीच,सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि इस हंगामे में कई दखलंदाज लोग शामिल हैं, जो इस मामले को अदालत से बाहर करवाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सच है। यह मामले को खत्म करवाने की उनकी रणनीति का हिस्सा है। जिनके मामले सूचीबद्ध हैं, वे अदालत में अपनी दलील देने में सक्षम नहीं हैं और जो लोग मामले से जुड़े नहीं है वे दखलंदाजी दे रहे हैं। ऐसे ही दखलंदाज लोग तस्वीर में आ जाते हैं।

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इस पर एक अन्य वकील ने कहा कि हां,दखलंदाज लोग इस तरह से सफल हो रहे हैं। इस पर जस्टिस ओका ने फिर कहा, "हम हर रोज़ यह अनुशासनहीनता देखते हैं।" बार एंड बेंच के मुताबिक, जस्टिस ओका ने यह भी कहा कि ऐसी अनुशासनहीनता हम केवल सुप्रीम कोर्ट में ही देखते हैं। उन्होंने कहा, "मैं बॉम्बे हाई कोर्ट, कर्नाटक हाई कोर्ट में भी रह चुका हूं लेकिन वहां इस तरह की अनुशासनहीनता कभी नहीं देखी।"

जस्टिस ओका ने कहा, अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमें भी ऐसे मामलों से निपटना आता है। अगर वकील हमारी कोर्ट में हल्ला करेंगे तो हम उनकी फाइल फेक देंगे। बता दें कि जस्टिस ओका 29 अगस्त, 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए थे। बाद में 12 नवंबर 2005 से वह स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। करीब 14 साल बाद उन्होंने 10 मई 2019 को कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए। इस साल मई में वह रिटायर हो रहे हैं।

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