किराए पर देते हैं मकान? सुप्रीम कोर्ट ने की अहम टिप्पणी, सभी मकान मालिकों का जानना है जरूरी!
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मकान मालिक ही यह तय करेगा कि अपनी जरूरत को पूरी करने के लिए वह कौन सा किराए के परिसर का हिस्सा खाली करवाए।

देशभर में लोग अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर उठाते हैं। इससे उन्हें हर महीने आय होती है, जिससे वे अपना घर चलाते हैं। लेकिन कई बार किराएदार घर या जहां वे किराए पर रह रहे हैं, उस परिसर को आसानी से खाली नहीं करते। अगर आप भी अपना मकान या कोई अन्य संपत्ति किराए से उठाते हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में अहम टिप्पणी की है, जोकि मकान मालिक और किराएदार दोनों को जानना बहुत जरूरी है। एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मकान मालिक ही यह तय करेगा कि अपनी जरूरत को पूरी करने के लिए वह कौन सा किराए के परिसर का हिस्सा खाली करवाए। किराएदार इस वजह से खाली करने से मना नहीं कर सकता कि मकान मालिक के पास अन्य संपत्तियां भी हैं और वह उनसे अपनी जरूरत पूरी कर सकता है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''मकान मालिक की असली जरूरत के आधार पर किराएदार को परिसर से निकालने के संबंध में कानून अच्छी तरह से स्थापित है। परिसर खाली करवाने की इच्छा मात्र के बजाय जरूरत वास्तविक होनी चाहिए। मकान मालिक ही यह तय करने के लिए सबसे अच्छा जज है कि उसकी विशेष जरूरत को पूरा करने के लिए उसकी संपत्ति में से कौन सी संपत्ति खाली करवाई जानी चाहिए। किराएदार की यह तय करने में कोई भूमिका नहीं है कि मकान मालिक को बेदखली के मुकदमे में आरोपित उसकी आवश्यकता के लिए कौन सी संपत्ति खाली करवानी चाहिए।"
एक मकान मालिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उसके दो बेरोजगार बेटों के लिए उसे अल्ट्रासाउंड मशीन लगवानी है और इसी जरूरत के चलते उसे किराएदार से वह मकान खाली करवाना है। इसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था और फिर हाई कोर्ट ने उसी फैसले को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई।
किराएदार ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि मकान मालिक के पास और भी प्रॉपर्टी हैं और वह उसके मकान के बजाए दूसरी संपत्ति को खाली करवाकर इस्तेमाल कर सकता है। किराएदार की इस दलील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि एक बार जब मकान मालिक की वास्तविक जरूरत पूरी हो जाती है, तब भी किराएदार अपनी सुविधा के आधार पर मकान मालिक को किसी अन्य संपत्ति को खाली करवाने की मांग करके मजबूर नहीं कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''इस मामले में मकान मालिक के पास कुछ अन्य संपत्तियां हो सकती हैं, लेकिन एक बार जब उसने अपने दो बेरोजगार बेटों के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित करने की वास्तविक आवश्यकता के लिए सूट परिसर को खाली करवाने का फैसला किया है, तो उसे अन्य किरायेदारों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही शुरू करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। वहीं, पहली ही नजर में यह पता चलता है कि यह जगह अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। इसकी वजह यह है कि यह जगह एक मेडिकल क्लिनिक और एक पैथोलॉजिकल सेंटर के बगल में स्थित है।''