यूक्रेन को भारत पर भरोसा, जेलेंस्की के कार्यालय ने अजीत डोभाल से मांगी मदद
दोनों देशों के बीच हुई बातचीत को लेकर अभी तक भारत सरकार की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है। इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि यरमक का पीस फॉर्मूला कोई नया नहीं है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच जेलेंस्की के कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से फोन पर बात की और शांति सूत्र के लिए भारत का समर्थन मांगा है। यरमक ने कहा कि उन्होंने और डोभाल ने मंगलवार को बात की और ग्लोबल पीस समिट की तैयारियों पर चर्चा की है।
उन्होंने कहा, "हाल की घटनाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यूक्रेनी शांति सूत्र यूक्रेन और पूरी दुनिया के लिए पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। हम इसके लिए वैश्विक शिखर सम्मेलन तैयार करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हम भारत के भी इसमें भाग लेने की उम्मीद करते हैं।"
हालांकि, दोनों देशों के बीच हुई बातचीत को लेकर अभी तक भारत सरकार की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है। इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि यरमक का पीस फॉर्मूला कोई नया नहीं है। इससे पहले भी भारत के एनएसए के समक्ष इसे उठाया गया है।
यरमक इससे पहले भी कोई मौकों पर डोभाल से बात कर चुके हैं। यरमक ने फरवरी में भी डोभाल को फोन कर यूक्रेनी शांति योजना के लिए भारत का समर्थन मांगा था। इससे पहले दोनों के बीच जनवरी में भी बात हुई थी।
जापान में हाल ही में संपन्न हुए G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद पहली बार यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की थी। यरमक और डोभाल दोनों भी उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। पीएम मोदी ने बातचीत और कूटनीति का आह्वान किया था।