Hindi Newsदेश न्यूज़same sex marriage is elite thinking says narendra modi government in sc - India Hindi News

कुछ शहरी एलीट लोगों की सोच है समलैंगिक विवाह, अदालत इससे दूर ही रहे; सरकार की नसीहत

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सरकार ने अदालत को नसीहत देते हुए कहा कि वह इस मामले से दूर ही रहे। समलैंगिक विवाह जैसी भारत की परंपरा नहीं है और यह एक छोटे एलीट वर्ग की सोच है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 17 April 2023 05:54 AM
share Share

समलैंगिक विवाह को मान्यता प्रदान करने की मांग वाली याचिकाओं का सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने कहा कि भारत में शादी का अर्थ महिला और पुरुष के रिश्ते से रहा है। समलैंगिक विवाह जैसी चीजें भारत की संस्कृति का हिस्सा नहीं रही हैं। यही नहीं सरकार ने अदालत को दिए अपने जवाब में कहा है कि समलैंगिक विवाह जैसी चीजें शहरी और एलीट वर्ग के बीच में हैं। सरकार ने साफ कहा कि अदालत को न्यायिक तौर पर ऐसी चीजों को मंजूरी देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। जजों को चाहिए कि वह इस मामले को संसद के ऊपर ही छोड़ दें।

यही नहीं सरकार ने इस मामले को समाज के ऊपर छोड़ने की बात भी कही। सरकार की राय है कि समाज यह तय करेगा कि ऐसी अलग तरह की शादी को सामाजिक और धार्मिक तौर पर स्वीकार किया जा सकता है या फिर नहीं। सोमवार को इस मामले पर सुनवाई होनी है और उससे पहले रविवार को सरकार ने एफिडेविट सौंपा है, जिसमें ये तर्क दिए हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई करने वाली है। सरकार की राय है कि नए सामाजिक संस्थान किसी की पसंद या अधिकार के नाम पर नहीं बनाए जा सकते। यह मूल अधिकार जैसी चीज नहीं है।  

सरकार ने कहा कि अदालत इस मामले में अर्जी के आधार पर फैसला लेगी, जबकि संसद बड़े स्तर पर विचार करती है। संसद तो ग्रामीण और शहरी सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है। इसके अलावा हर धर्म और हर परंपरा को समझते हुए उसके बारे में विचार करती है। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि समलैंगिक विवाह को मंजूरी दी गई तो इसे देश का हर नागरिक प्रभावित होगा। यही नहीं इसे अधिकार कहे जाने पर भी सरकार ने आपत्ति जताई और कहा कि पहले ही अपनी पसंद से सेक्स और निजता के अधिकार को ट्रांसजेंडर पर्सन्स ऐक्ट, 2019 के तहत दिया जा चुका है। 

परिवार के लिए मां और पिता जरूरी, परंपरा के खिलाफ समलैंगिक विवाह

इससे पहले सरकार ने कहा था कि भारत में शादी का अर्थ एक महिला और पुरुष के संबंध से है। परिवार का अर्थ बताते हुए सरकार ने कहा था कि मां के तौर पर महिला और पिता के तौर पर एक पुरुष एवं उनके बच्चों को ही फैमिली माना जाता है। भारतीय परंपरा में समलैंगिक शादी का कोई स्थान नहीं रहा है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें