Hindi Newsदेश न्यूज़President of Bharat What is written in the invitation of the G20 on which India alliance got angry - India Hindi News

प्रेसिंडेट ऑफ भारत; राष्ट्रपति के न्योते में ऐसा क्या लिखा है, जिस पर भड़का 'INDIA'

President of Bharat Invitation: तीन दिन पहले ही असम के गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने 'भारत' और 'इंडिया' का मुद्दा उठाया था।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 5 Sep 2023 08:07 AM
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'The President of Bharat' यानी 'भारत के राष्ट्रपति', इस संबोधन को लेकर राजनीतिक गलियारों में बड़ा बवाल शुरू हो गया है। कांग्रेस ने तो इसे 'राज्यों के संघ' पर हमला तक करार दे दिया। दरअसल, खबर है कि राष्ट्रपति भवन में G20 शिखर सम्मेलन के रात्रि भोज के न्योते पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह यह लिखा गया है। बीते कुछ समय में 'इंडिया' शब्द हटाकर 'भारत' किए जाने की मांग भी तूल पकड़ रही है।

संविधान का हवाला दे रही है कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने लिखा, 'तो खबर सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 डिनर के लिए 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाए 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' नाम से न्योता भेजा है। अब संविधान का अनु्च्छेद पढ़ा जाएगा: भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा।' उन्होंने आगे लिखा, 'लेकिन अब इस राज्यों के संघ पर भी हमला किया जा रहा है।'

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'इंडिया' शब्द से यह सहम गए हैं। क्या वे इस हद तक चले जाएंगे कि वे संविधान बदल देंगे? संविधान में लिखा है, 'इंडिया दैट इज़ भारत'... भाजपा के अंदर का डर मोदी जी का भय दिखाता है। इधर INDIA का गठन हुआ उधर भाजाप का बोरिया बिस्तर समेटना शुरू हुआ... आप 'इंडिया' शब्द को धरती से नहीं मिटा सकते। हमें अपने भारत और इंडिया पर गर्व है।'

संविधान में क्या
भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 में 'संघ का नाम और राज्यक्षेत्र' का जिक्र है। इसमें कहा गया है, 'भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का संघ होगा।' साथ ही लिखा गया है, 'राज्य और उसके राज्यक्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।'

कांग्रेस के साथी के अलग सुर
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम यानी DMK नेता टीआर बालू ने कांग्रेस की आपत्ति पर ही सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा, 'हमें इससे कोई आशंका नहीं होनी चाहिए क्योंकि संविधान में पहले से ही भारत का इस्तेमाल है। अगर राष्ट्रपति ने 'भारत' के नाम से (G-20 देशों को) न्योता भेजा है तो मुझे नहीं लगता इस पर कोई दिक्कत होनी चाहिए।'

भाजपा का जवाब
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'उन्हें(कांग्रेस) हर चीज़ पर आपत्ति है। उन्हें आपत्ति रहे, मैं इसपर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। मुझे नहीं पता कि उन्हें क्या ऐतराज है? मैं एक भारतवासी हूं, मेरे देश का नाम पहले भी भारत था, आज भी भारत है और आगे भी भारत रहेगा। इसमें कांग्रेस को क्या आपत्ति है वही बताएं और अगर आपत्ति है तो इसका इलाज वे ही ढूंढें।'

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'भारत से हर किसी को प्यार है और हर देश वासी को प्यार है। अब जिनको भारत से प्यार नहीं वह इस पर सवाल उठाएंगे।'

भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने कहा, ''भारत' बोलने और लिखने पर क्यों दिक्कत हो रही है। पुरातत्व काल में हमारे देश का नाम भारत है और संविधान में भी इसको स्पष्ट किया है। बेवजह और जानबूझकर भ्रम पैदा कर रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है।'

कहां से उठी चर्चा
तीन दिन पहले ही असम के गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 'भारत' और 'इंडिया' का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था, 'हम सभी को इंडिया शब्द का इस्तेमाल छोड़कर भारत का उपयोग करना चाहिए। हमारे देश का नाम सदियों से भारत है। भाषा कोई भी हो नाम एक ही रहना चाहिए।'

हालांकि, मांग का सिलसिला यहां से शुरू नहीं हुआ। मॉनसून सत्र के दौरान भी भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने संविधान से 'India' शब्द हटाने की मांग की थी। उनका कहना है कि यह औपनिवेशिक गुलामी को दिखाती है। बाद में भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भी संविधान में संशोधन की मांग उठाई और 'इंडिया' के स्थान पर 'भारत' लाने की बात कही।

क्या बदल सकता है नाम?
सरकार ने 18 सितंबर से पांच दिवसीय संसद का विशेष सत्र बुलाया है। अब अटकलें है कि इस दौरान संविधान संशोधन विधेयक भी पेश किया जा सकता है, जिसके जरिए इस बदलाव को प्रभाव में लाया जा सके। हालांकि, सरकार की ओर से विशेष सत्र के एजेंडा को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। इसके अलावा एक देश एक चुनाव बिल भी पेश हो सकता है।

नाम का किस्सा
भारत शायद दुनिया का एकमात्र देश होगा, जिसके कई नाम हैं। इनमें इंडिया,  भारत, हिंद, हिन्दुस्तान और जंबू द्वीप शामिल हैं। हालांकि, आमतौर पर सिर्फ इंडिया और भारत का इस्तेमाल होता है। खास बात है कि यह कि देश की पहचान भाषा के आधार पर बदल जाती है। उदाहरण के तौर पर अंग्रेजी भाषा में बातचीत या लिखने में 'इंडिया' का इस्तेमाल होता है। जबकि, हिंदी के उपयोग में 'भारत' का जिक्र किया जाता है।

सबसे शुरुआती सभ्यताओं में सिंधु घाटी (Indus Valley) का नाम आता है। अब सिंधु नदी के पास भारतीय सभ्यता शुरू होने के चलते देश को 'इंडिया' नाम मिला। 

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