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अमित शाह खुद गुजरात में उठा रहे बड़ा जिम्मा, तय किया 'मिशन 7'; क्या होगा असर

Gujarat Assembly Election: गांधीनगर लोकसभा सीट शाह के लिए प्रतिष्ठा की भी लड़ाई है। यहां वीजलपोर, नारानपुरा, घटलोदिया, साबरमती, कलोल, साणंद, गांधीनगर उत्तर समेत 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान, गांधीनगरFri, 18 Nov 2022 06:34 AM
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गुजरात चुनाव हैं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सियासी चहलकदमी लाजमी है। इसके भी कई कारण हैं। पहला तो यह उनका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृहराज्य है। दूसरा, भारतीय जनता पार्टी के विजयरथ को चलाए रखना भी उनकी बड़ी जिम्मेदारी है। इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा समय अहमदाबाद और अपने लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर में गुजारा। उनकी गतिविधियों को देखकर कहा जा सकता है कि उन्होंने अपने लिए 'मिशन 7' तैयार कर लिया है।

शाह को भाजपा का चुनावी रणनीतिकार माना जाता है। गुजरात में उम्मीदवारों की सूची तैयार करनी हो, नाराज नेताओं को शांत करना हो और नामांकन प्रक्रिया में नेताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना उनके अभियान का हिस्सा नजर आते हैं।

गांधीनगर लोकसभा यानी 7 विधानसभा सीटें
गांधीनगर लोकसभा सीट शाह के लिए प्रतिष्ठा की भी लड़ाई है। यहां वीजलपोर, नारानपुरा, घटलोदिया, साबरमती, कलोल, साणंद, गांधीनगर उत्तर समेत 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। कहा जा रहा है कि शाह ने इनमें से 5 सीटों पर खासा समय गुजारा है। जबकि, हाल के दौरों में वह केवल कलोल और गांधीनगर उत्तर नहीं पहुंचे हैं। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि वह जल्दी ये क्षेत्र भी कवर कर सकते हैं।

शाह साणंद सीट से कनुभाई पटेल के साथ नामांकन के लिए गए। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ घटलोदिया में रोड शो किया। इसके अलावा वह वीजलपोर (अमित ठक्कर), नाराणपुरा (जीतू भगत) और साबरमती (हर्षद पटेल) के दफ्तर पहुंचे।

गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र का इतिहास
साल 1989 में यहां से शंकरसिंह वाघेला ने जीत दर्ज की थी। जबकि, शाह 2019 में यहां से जीते। खास बात है कि गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र की कमान लंबे समय तक ऐसे नेताओं के हाथ रही, जो गुजरात के नहीं थे। भाजपा दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी साल 1991 से लेकर 2014 तक सांसद रहे। हालांकि, 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ने सीट संभाली।

लगातार 7वीं जीत की तलाश में भाजपा
गुजरात में बीते 27 सालों से यानी  1995 से ही भाजपा जीत रही है। हालांकि, पाटीदार आंदोलन, जीएसटी लागू जैसी कई चुनाौतियों का सामना पार्टी ने साल 2017 में किया, लेकिन उस दौरान भी 99 सीटों के साथ सरकार बनाने में सफल रही। साल 1998 के बाद पहला मौका था जब पार्टी की जीत का आंकड़ा 100 के नीचे रहा था। शाह के अलावा पीएम मोदी भी लगातार राज्य में आकर जनता से अपील कर रहे हैं।

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