बनते ही बिखरने लगी गुलाम नबी आजाद की पार्टी, पूर्व मंत्री तारा चंद सहित तीन वरिष्ठ नेताओं को निकाला
पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद ने पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों सहित 60 से अधिक अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। तारा चंद जम्मू और कश्मीर का एक प्रमुख दलित चेहरा हैं।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की पार्टी बनते ही बिखरने लगी लगी है। आजाद ने गुरुवार को पूर्व मंत्री तारा चंद सहित तीन सीनियर नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है। रिपोर्टों के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद ने अपनी ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ से जिन नेताओं को निकाला गया है उनमें पूर्व मंत्री तारा चंद व मनोहर लाल तथा पूर्व विधायक बलवान सिंह शामिल हैं।
डीएपी महासचिव आर एस छिब की ओर तत्काल प्रभाव से उनके निष्कासन का आदेश जारी किया गया। छिब ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर पार्टी से निष्कासित किया गया है। अध्यक्ष (आजाद) आश्वस्त थे कि पार्टी में उनकी आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे’’ करीब तीन महीने पहले पार्टी बनाने वाले डीएपी अध्यक्ष आजाद ने पिछले दो दिनों में संगठन में कई नियुक्तियां की हैं।
कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी का गठन किया है। जब आजाद ने कांग्रेस छोड़ी थी तब कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। 59 वर्षीय पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद ने पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों सहित 60 से अधिक अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। तारा चंद जम्मू और कश्मीर का एक प्रमुख दलित चेहरा हैं।
जम्मू जिले के सीमावर्ती खौर उप-मंडल के दूरस्थ चक महल गांव के एक मामूली किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले चंद 1970 के दशक के अंत से कांग्रेस में शामिल थे। वह तब 10वीं कक्षा के छात्र थे। वे 1996, 2002 और 2008 में छंब (अब इसका नाम बदलकर खौर कर दिया गया) से तीन बार के विधायक रहे। 2014 के चुनावों में नरेंद्र मोदी लहर के कारण भाजपा के डॉ कृष्ण लाल से हार गए थे।